2047तक देश को विकसित राष्ट्र बनाने का पीएम का संकल्प क्या इस पर आप सहमत है?

विशेष संवाददाता एवं ब्यूरो

स्वतन्त्रता दिवस पर पीएम मोदी के 2047 तक देश को विकसित राष्ट्र बनाने के संकल्प पर क्या आपको है भरोसा.?
बहुतायत लोग इसे झूठा, लबार और जुमलेबाज की संज्ञा दे रहे हैं।

लोक सभा चुनाव के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा था कि मेरे लिए सबसे बड़ी चार जातियाँ हैं, ग़रीब, युवा, महिलाएँ और किसान ।
मोदी और भाजपाइयों के लिए उत्थान शब्द भी एक जुमला ही है।

इन्होंने महँगाई, बेरोज़गारी, कुव्यवस्था और भ्रष्टाचार लादकर जनता के जीवन स्तर में इतना सुधार किया है कि 2017 से 2021 तक पाँच सालों में ही 7,20,611 लोगों को आत्महत्या के लिए मजबूर होना पड़ा। यानी हर दिन 65 ग़रीबों, युवाओं, महिलाओं और ग़रीब किसानों की मौत!

युवाओं की इतनी सेवा की है कि 32 करोड़ लोग बेरोज़गारी की दलदल में समा गये जिसमें बड़ी संख्या युवाओं की है।
हर साल 2 करोड़ नौकरियों का वायदा करने वाले मोदी के आठ साल के राज में मात्र 7 लाख 22 हज़ार 311 लोगों को केन्द्र सरकार ने नौकरी दी, जबकि आवेदन करने वालों की संख्या 22 करोड़ 5 लाख 99 हज़ार 238 थी।

लोगों की गाढ़ी कमाई को धन्नासेठों पर लुटा दिया गया। 2015 से 2022 तक 6 सालों के बीच 15 लाख करोड़ के लोन बट्टे खाते मे डाले गये, एवं 25 लाख से ज़्यादा का कर्ज़ लेकर न चुकाने वाले ‘विलफुल डिफ़ॉल्टरों’ की संख्या 15,000 तक पहुँच चुकी है, जनता का पैसा मारकर क़रीब 40 धनपशु तो देश छोड़कर ही भाग गये।

मोदी राज में जनता का इतना उत्थान हुआ कि लोग कंगाली में समा गये। 35 करोड़ से ज़्यादा लोग ग़रीबी रेखा से भी नीचे पहुँच गये जोकि दुनिया में सबसे अधिक है।
अदम गोडवी का शेर कि:
तुम्हारी फ़ाइलों में गाँव का मौसम गुलाबी है,
मगर ये आँकड़ें झूठे ये दावा किताबी है । इस महाशय की फेका फेक और चापलूसी की बाते अभी खत्म नहीं हुई। आम जन किस बात पर भरोसा करे?

साभार:विश्वजीत सिंग ,पिनाकी मोरे

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