धन कुबेर निकला बांका का विद्युत कार्यपालक अभियंता,जिसके यहां 7करोड़ की संपत्ति के अलावा जानिए और भी क्या कुछ मिला?

बांका
एमडी डिजिटल न्यूज चैनल विशेष संवाददाता एवं ब्यूरो

बांका के विद्युत कार्यपालक अभियंता निकला धनकुबेर, 7 करोड़ की संपत्ति के अलावे जानिए क्या-क्या मिला

बांका: स्पेशल विजिलेंस यूनिट की टीम ने गुरुवार (21 सितंबर) की सुबह बांका के विद्युत कार्यपालक अभियंता संजीव कुमार गुप्ता के कई ठिकानों पर छापेमारी की। विजिलेंस ने अभियंता संजीव कुमार गुप्ता के खिलाफ आय से अधिक सम्पत्ति का मामला दर्ज किया है। इस संबंध में विशेष निगरानी इकाई, पटना द्वारा प्रेस विज्ञप्ति जारी कर जानकारी दी गई है।

अब तक की जानकारी के अनुसार बताया जाता है कि संजीव कुमार गुप्ता ने अपने 8 साल की नौकरी में सरकारी कार्य से वेतन के रूप में लगभग 66 लाख रूपए प्राप्त किए हैं, जबकि कुल चल-अचल सम्पत्ति की बरामदगी लगभग 07 करोड़ रुपए की हुई है। जिसमें कि 15 लाख रुपए की एक कार, 40 लाख रुपए नकद, 30 लाख का गोदाम और पूर्व भूमि सम्बंधी भू-खण्ड शामिल है।

संजीव कुमार गुप्ता के खिलाफ मामला दर्ज

संजीव कुमार गुप्ता की नियुक्ति वर्ष 2014 में विद्युत सहायक अभियंता के पद पर हुई थी। कुमार गुप्ता पर आरोप है कि सरकारी सेवा में रहते हुए उन्होंने गलत तरीके से अकूत सम्पत्ति अर्जित की है, जो कि उनके द्वारा प्राप्त वेतन एवं अन्य ज्ञात स्रोतों की तुलना में बहुत ही ज्यादा है। इसी आरोप पर उन पर कुल 1,03,89,713 रुपया गैरकानूनी और नाजायज ढंग से संपत्ति अर्जित करने के कारण मामला दर्ज किया गया है।
ज्ञात स्त्रोंतो के अनुसार कांड में वर्णित आरोपों के आधार पर लगभग 97.28% से अधिक आय से अधिक सम्पत्ति का मामला उजागर हुआ है।

कई जिलों में हुई छापेमारी

मामला दर्ज होने के बाद संजीव कुमार गुप्ता के खिलाफ न्यायालय में आवेदन देकर तलाशी वारंट के आधार पर पूर्णिया, भागलपुर और बांका में उसके आवास, कार्यालय में तलाशी चल रही है. अब तक मिली जानकारी के अनुसार यह पता चला है कि संजीव कुमार गुप्ता ने अपने कार्यवधि में विभिन्न जगह पदस्थापित रहने के दौरान अकूत चल और अचल संपत्ति अर्जित की है।

विजिलेंस को मिला है 9 भूखंड

संजीव कुमार गुप्ता के खिलाफ हुई जांच में विशेष विजिलेंस यूनिट ने पाया है कि कार्यपालक अभियंता ने चल और अचल संपत्तियां पटना (दानापुर) और अन्य जगहों पर बनाई हैं। बांका, पूर्णिया और भागलपुर में आरोपित के कार्यालय और आवासीय परिसरों में तलाशी ली जा रही है। तलाशी के दौरान अभी तक प्राप्त सूचना के अनुसार 09 भूखंड का पता चला है। जिसकी कीमत 04 करोड़ से भी ज्यादा बताई जा रही है। इनके द्वारा निर्मित एवं क्रय किए गए मकान की अनुमानित लागत लगभग 01 करोड़ से अधिक है।

दूसरे प्रदेशों में भी संपत्ति मिलने की संभावना

विभिन्न बैकों में संजीव कुमार गुप्ता और उसकी पत्नी के नाम से 02 लॉकर, 10 बैंक खाता एवं बैंक फिक्स डिपॉजिट में 30 लाख से ज्यादा का निवेश का पता चला है। अपनी नाबालिग पुत्री के नाम पर भी 03 लाख का एक फिक्स डिपॉजिट है, संजीव कुमार गुप्ता और उनकी पत्नी के नाम से एलआईसी पॉलिसी भी प्राप्त हुई है। अभी कई जमीन के डीड होने के प्रमाण पाए गए हैं। वहीं, विजिलेंस के अनुसंधान के दौरान संजीव कुमार द्वारा अर्जित आय से अधिक संपत्ति प्रदेश से बाहर मिलने की बड़ी संभावना जताई जा रही है। वहीं, विजिलेंस के माने तो इस मामले में संजीव कुमार गुप्ता के ससुर की भूमिका भी संदिग्ध है, जो रेलवे में सीनियर सेक्शन इंजीनियर के रूप में कार्यरत हैं।

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