यह एक ऐसा सिस्टम शायद अमेरिका और रूस में भी नही है, इजराइल के मौजूदा सर्विलांस सिस्टम को हमास ने तो फेल कर दिया है ,अधिक जानकारी प्राप्त कर ने हेतु इस खबर को पढ़े
इसराइल हमास जंग
इजराइल हमास की ये जो लड़ाई चल रही है। इसमें जिस तरीके से हमास ने इजराइल के पूरे सर्विलांस सिस्टम को फ़ैल किया इसे कई सालों तक पढ़ा जाता रहेगा।
कैसे उन लोगों ने आज की सबसे बढ़िया टेक्नोलॉजी को फ़ैल कर दिया, कैसे उन्होंने आज की सबसे बढ़िया मशीनी सर्विलांस को फ़ैल कर दिया?
इजराइल ने गाज़ा को 100% सर्विलांस पर रखा हुआ है,
हर 10 मिनट में गाज़ा का हर मीटर फोटोग्राफ होता है इजराइल द्वारा,
फिर वो सब तसवीरें आज की बेस्ट AI को दी जाती है इमेज ऑब्जेक्ट रिकग्निशन के लिए,
फिर उन सब पैटर्न्स पर आज के सबसे सोफिस्टिकेटेड मशीन लर्निंग मॉडल्स चलते हैं।
और इतना ही नहीं,
गाज़ा की हर ईमेल, हर सेल फ़ोन की कन्वर्सेशन, हर SMS मैसेज, कलेक्ट होता है, और उसको भी मशीन लर्निंग मॉडल्स में दिया जाता है,
बताते चलें कि ये सब इस स्तर पर भारत या चीन जैसे देश भी इम्प्लीमेंट करने का सोच नहीं सकते हैं आज,
अब ये सब के अलावा इजराइल के गाज़ा के अंदर भी ह्यूमन spies हैं, जिनकी के इनपुट्स भी ध्यान में ली जाती है।
गाज़ा के एक एक इंसान की एक एक घर की प्रोफाइलिंग हो रखी है, उनके एक एक मूवमेंट की हो रखी है।
लेकिन फिर भी ये हमला हो गया !
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गौर तलब है कि सन 2022 में जब इजराइल ने ये सिस्टम पूरा किया था, तब उन्होंने अपनी बहुत पीठ थपथपाई थी, और पूरी दुनिया दंग रह गयी थी कि AI किस लेवल तक पहुँच चुका है? नेशनल सिक्योरिटी अब इनके हाथ में आ सकती है पूरी तरह से।
ऐसा सिस्टम अमेरिका में भी नहीं है अभी, ना रूस में
और ये सिस्टम ना केवल आज क्या होने वाला है या हो रहा है ये प्रेडिक्ट करता है, बल्कि आगे क्या होने वाला है वो भी जानकारी मिलती रहती है।
लोगों की मूवमेंट्स से बातों से messages से उनके अगले हफ्ते अगले महीने अगले साल सब हरकतें प्रेडिक्ट की जाती हैं।
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अब गेम यहां तक बिलकुल आज से 100 साल बाद भविष्य में चल रहा है,
और यहां आप हमास की और हेज़बोल्लाह की या ईरान की इस सिस्टम को फ़ैल करने की क़ाबलियत को देख पाए जब वो हमला हुआ।
जब वो हमला हुआ तो उसकी दो अलग अलग तरह की ऑडियंस थी, एक वो जो किसने किसको मारा कौन हीरो कौन विलन? सोच रहा था, एक वो जो ये सोच रहा था कि इन लोगों ने क्या क्या हैक किया होगा इस सिस्टम से पार पाने में?
आयरन डोम की खामी ढूंढ पाना इस गुत्थी की सबसे छोटी कड़ी थी,
जबकि बड़ी कड़ी थी इस पूरे सिस्टम को समझ पाना और इसे ग्राउंड से लेकर सिस्टम लेवल तक ना केवल डिकोड करना बल्कि एक एक पेंच को सुलझाते जाना, क्योंकि यहां पकडे जाने में 1 सेकंड भी नहीं लगना था।
लेकिन हेज़बोल्लाह और ईरान वाले इजराइल के बराबर ही खोपड़ी निकले टेक्नोलॉजी को समझने में। और इन्होने साबित किया कि जमीन पर लड़ने के अलावा ये लोग दिमाग में भी दुनिया के सबसे खोपड़ी लोगों में से है।
बहुत ही परफेक्ट Ai को कैसे उल्लू बना दिया गया, ईरान तो शायद कभी नहीं करेगा ये चीज़ लीक, ये उनका enigma मोमेंट है।
हमेशा से कहते हैं कि ईरान की टेक्नोलॉजी पर पकड़ दुनिया में सबसे बढ़िया में आती है, वो लोग आइसोलेटेड हैं वर्ल्ड से इसलिए ज्यादा लोगों को इनकी अचीवमेंट्स ध्यान नहीं रहती। लेकिन ये लोग काफी आगे हैं टेक्नोलॉजी में, और रिवर्स इंजीनियरिंग में तो शायद रुसी हैकर्स के साथ ये लोग collaborate भी करते होंगे।
ध्यान रहे कि ये एक बहुत ही बड़े और बारीक लेवल का ऑपरेशन था, इस सिस्टम को छकाना, जो कि डिटेल्ड एनालिसिस डेसेर्वे करता है !
एडमिन