धरती के डॉक्टर इंसान ही नही भगवान का रूप होते है, लेकिन वही डॉक्टर कभी कभार राक्षसी एवं भक्षकी रूप धारण कर लेते है तब यही मानव,इंसान भी किसी अनहोनी घटना का शिकार हो जाता है
मुंबई मलाड
विशेष संवाददाता
धरती पर डॉक्टर भगवान
का रूप होते हैं लेकिन कभी-कभी यही धरती के भगवान
राक्षसी,एवं भक्षकी रूप ले लेते हैं तब यही (मानव) इंसान भी
किसी अनहोनी घटना का शिकार हो जाता है
31/10/2023
अपने दर्द का इजहार कहां करें उसकी फरियाद कोई नहीं सुनता है तब वह इंसान अपना गुस्सा शौचालय की दीवारों पर
या फिर सार्वजनिक सस्थानो, बस स्टॉप के सूचना बोर्ड पर अपनी फरियाद यूकेर (लिख) कर जगह-जगह अपना दर्द लिखने लगता है। ऐसी ही एक तस्वीर हमें,
मुंबई के मलाड (प) चारकोप, नियर शमशान भूमि सोनापुर कब्रिस्तान के बस स्टॉप पर (इबारत) लिखावट देखने को मिल रही है ,मंगल मूर्ति ,हॉस्पिटल चारकोप,की प्रशंसा लोगों को हैरत में डाल रही है जिसे आप खुद तस्वीर में देख रहे हैं , क्लिनिक के डॉक्टर को भी लोगों की अस्मिता का भरम बनाए रखना चाहिए ऐसे इस मंगल मूर्ति हॉस्पिटल की ऑनलाइन बहुत सारे लोग भूरी भूरी प्रशंसा भी करते हैं।
(1)सबसे पहले, मैं संवाददाता
,लल्लन प्रसाद यादव ,
मंगल मूर्ति अस्पताल में अपनी यात्रा के बारे में प्रतिक्रिया देना चाहूंगा, मैं वास्तव में मंगल मूर्ति हॉस्पिटल के सभी डॉक्टरों की सराहना करता हूं, वे बहुत अच्छे हैं और बहुत सहायक भी हैं, हमेशा हमें समझाते हैं और किसी भी बीमारी का मूल कारण अच्छे से समझाते हैं और हमारा विशेष मार्गदर्शन करते हैं।
यहां के मौजूदा डॉक्टर परिवार के सदस्य की तरह हैं और मैं हमेशा अपने परिवार के अन्य सदस्यों और दोस्तों को भी उनकी सिफारिश करता हूं। इसके अलावा मैं यह भी कहना चाहूंगा कि हालांकि डॉक्टर अच्छे हैं लेकिन रिसेप्शन पर लोगों को अधिक व्यवहारिक होना चाहिए। साथ ही मरीजों को और अच्छी सेवा मिले और उन्हें अकेलापन महसूस न होने दे, इसका भी ख्याल रखा जाना चाहिए। मेरे पास इस अस्पताल में 10 साल का अनुभव है, मैंने अपने परिवार के स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं के लिए कई बार दौरा किया है, इसलिए बेहतर सेवा पाने के लिए आभारी हूं और एक शुभचिंतक के रूप में मैं यह प्रतिक्रिया/समीक्षा पोस्ट कर रहा हूं।
मैं
लल्लन प्रसाद यादव और हमारे मित्र और परिवार
(2) मैं ,सैयद बिलाल हैदर,
यहां सभी कर्मचारी और टीम के सदस्य बहुत मददगार और सहायक थे। भोजन में बहुत ही स्वच्छता थी. काफी साफ सफाई भी नजर आई।
कुल मिलाकर अस्पताल में बहुत अच्छा इलाज किया गया।
यहां डॉक्टर और नसों का व्यवहार भी बहुत मिलनसार और सहयोगी रहा है। उक्त अस्पताल के व्यवहार के लिए ये चांद अल्फाज मीडिया
डीटेक्शन डिजीटल न्यूज चैनल एवं प्रिंट मीडिया द्वारा प्रकाशित करना चाहता हु।
साभार
मीडिया डीटेक्शन प्रेस
न्यूज़ प्रिंट एंड डिजिटल समाचार मुंबई मलाड(
प )९५
संपादक:
शेख अब्दुल सलाम अली,
पत्रकार & फोटो रिपोर्टर
सैयद जमाल अख्तर के साथ