निशुल्क मोतियाबिंद ऑपरेशन के नाम पर लायंस अस्पताल ने वसूली 10,500RS रकम ,लापरवाही कर खराब कर दी पेशेंट की आंख
तकीम अहमद जिला ब्यूरो
परासिया
नि:शुल्क मोतियाबिंद ऑपरेशन के नाम पर लायंस अस्पताल परासिया ने वसूला 10,500 रुपए और कर दी महिला की आंख खराब
लायंस आई हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर परासिया की खुल रही धीरे धीरे पोल,
जिला छिंदवाड़ा के दमुआ निवासी रत्नेश चौरसिया ने आज बताया कि विगत वर्ष लायंस सेवा समिति लायंस आई हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर परासिया ने दमुआ में आकर नि:शुल्क नेत्र जांच शिविर आयोजित किया था। शिविर में रत्नेश की मां श्रीमती सुदामा चौरसिया ने अपनी आंख जांच करवाने के लिए पहुंची थी।
जांच में डॉक्टरों ने आंखों में मोतियाबिंद बताया था।
मोतियाबिंद का निःशुल्क आपरेशन हेतु रत्नेश की मां को दमुआ से परासिया लाया गया था। लायंस आई हॉस्पिटल परासिया में जब ऑपरेशन करने की बात आई तो अस्पताल संचालकों ने रत्नेश से कहां की मां की आंखों में फ्री वाला लेंस ना डाल करके आप ये 10,500 वाला लेंस डालो और कहां कि सरकारी लेंस उतना अच्छा नहीं होता जितना अच्छा दस हजार पांच सो रूपये वाला होता है।
मरता क्या ना करता? रत्नेश फ्री आपरेशन के नाम पर मां को दमुआ से परासिया लायंस अस्पताल लाया था। ऐसी अवस्था में परिवार ने यहां वहां से पैसे की व्यवस्था करके अस्पताल संचालक को 10,500 नकद देकर रसीद लिया था। ऑपरेशन उपरांत मरीज को परिजन घर ले आए थे। किंतु जब तीन दिन उपरांत पट्टी खोली गई तो महिला की आंखों की रोशनी चली गई। महिला को कुछ भी नहीं दिख रहा था!
जिसको लेकर के परिवारजन गुस्से से फिर लायंस आई हॉस्पिटल परासिया पहुंचे और हल्ला बोल किया। किंतु कुछ नहीं हो पाया, क्योंकि संस्था के पदाधिकारी गण करोड़पति, अरबपति लोग हैं और उनकी राजनीतिक हस्तक्षेप होने के कारण मामला ठंडा हो गया था। अस्पताल प्रबंधन के संतोषजनक उत्तर ना मिलने पर परिवारजन पीड़ित मरीज को लेकर के तत्काल आनन फानन में नागपुर पहुंचे और वहां इलाज करवा करके महिला की रोशनी को वापस लाया गया।
आज प्रेस वार्ता में रत्नेश चौरसिया ने लायंस आई हॉस्पिटल एवं रिसर्च सेंटर पर आरोप लगाते हुए यह कहा कि लायंस आई अस्पताल परासिया में नि:शुल्क मोतियाबिंद इलाज के नाम पर मरीज को लाया जाता है। और लेंस के नाम पर किसी मरीज से 10,000 तो किसी मरीज से 20,000 तो किसी मरीज से 50,000 भी वसूले जाते हैं। लेंस कौन सा लगा रहे हैं। इसका कोई प्रमाण नहीं होता और यह जो दवाइयां लिखते हैं वह केवल विजय मेडिकल परासिया में ही मिलती है, इनके द्वारा लिखी दवाई जिले भर में कहीं पर भी नहीं मिलती?
विगत सप्ताह समाजसेवी रिंकू रितेश चौरसिया ने लायंस सेवा समिति लायंस आई हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर पर करोड़ों रुपए के शासन से घोटाला का आरटीआई के माध्यम से पर्दाफाश किया है। यह विषय पूरे हिंदुस्तान में गरमाया
हुआ है। समाजसेवी रिंकू रितेश चौरसिया से प्रेरित होते हुए रत्नेश चौरसिया इस संस्था पर शासन प्रशासन से सख्त कार्रवाई करेंने हेतु एफ आई आर दर्ज करने के लिए भी तैयार है।