नीतीश कुमार एक अवसरवादी राज नेता के तौर जाने जाते है,उनके अमरत्व के लिए एक नही कई दिग्गज नेता भी उतने ही जिम्मेदार है जितने नीतीश जी खुद जिम्मेदार है
विशेष
संवाददाता
नीतीश कुमार अमर रहे
चौकिये मत नीतीश कुमार को कुछ नही हुआ है उन्होंने ही कहा था कि वो मर जायँगे लेकिन बीजेपी के साथ नही जाएंगे आज नीतिश कुमार वाकई अमर हो गए है।
वो भारतीय राजनीति में ऐसे अवसरवादी राजनेता के तौर पर जाने जायँगे जिसने सत्ता के लिए विचारधारा के साथ सामान्य लोक लाज को भी त्याग दिया, उनके अमरत्व के लिए लालू, अटल और मोदी जैसे वो तमाम दिग्गज नेता भी उतने ही जिम्मेदार है जितने नीतीश स्वयं है।
बता दे कि बिहार की राजनीति के धरती पुत्र माने जाने वाले लालू यादव ने उन्हें दो मुँहा साँप बोला और बाद में उन्हें दूध भी पिलाया! जबकि नरेन्द्र मोदी ने उन्हें बिहार का शोक कहा फिर उनका जश्न भी बनाया।. इसलिए अकेले नीतीश को दोष देना उचित नहीं है।. इसके लिए जिम्मेदार बिहार का हर वो तथाकथित जागरूक वोटर भी है जो 20 साल से इस महान अवसरवादी नेता को वोट देकर चुनता रहा है।
हकीकतं ऐसी है कि भारत की राजनीति मे अवसरवाद मुद्दा कोई नया नही है पर नितीश कुमार ने जो रिकॉर्ड बनाया है वो शायद ही कोई राजनेता तोड़ पायेगा। उनकी इस अमरकथा में नीतीश केवल मुख्य किरदार है। लेकिन इस अमरकथा को बेस्ट सेलर बनाने में वो सारे किरदार जिम्मेदार है जो बार बार यही दोहराते है।
नीतीश कुमार अमर रहे ।
संवाद;
अपूर्व भारद्वाज