कांग्रेस ने बीजेपी के हाथ जब सत्ता सौंपी तब डॉलर के दाम इतने कम थे मगर बीजेपी की सत्ता में अब डॉलर की कीमतों ने भारी उछाल को देखते रुपए की कीमत लगातार घटती जा रही है
रूपया गिरा जा रहा है, देश सजा पा रहा है, BJP को मज़ा आ रहा है, और आपको लगता है इसका आप पर कोई फ़र्क़ नहीं पड़ रहा।
यदि आपको लगता है कि रूपये का गिरना और डॉलर का बढ़ना आपके जीवन में कोई प्रभाव नहीं डालता है, तो आप ग़लतफ़हमी का शिकार हैं।
यदि आपको लगता है कि डॉलर की क़ीमत से आपको क्या ? आप तो विदेश जाते नहीं, इसलिये डॉलर के महँगा या सस्ता होने से आपको कोई फ़र्क़ नहीं पड़ता तो आप खुद को बहलाने के सिवा कुछ नहीं कर रहे हैं।
अगर आपको लगता है कि नरेंद्र मोदी जो कुछ भी कर रहे हैं वो ठीक ही कर रहे हैं, तो आप अपने साथ और अपने देश के साथ धोखा कर रहे हैं। ज़रूरत है कि आंखें खोलें और चारों तरफ़ देखें कि आपके अंधविश्वास से देश में क्या क्या लुट चुका है।
कांग्रेस ने वर्ष 2014 में जब BJP को सत्ता सौंपी थी, तब एक डॉलर की क़ीमत 59 रूपये थी, आज बीजेपी ने इस क़ीमत को 59 रूपये से 84 रूपये तक पहुँचा दिया है।
जरा सोचिये ! डॉलर को 59 रूपये पहुँचने में 70 साल लगे और बीजेपी के 10 साल में ही यह 59 रूपये से शतक लगाने के क़रीब पहुँच चुका है।
आईये आपको समझाते हैं कि रुपए के कमजोर होने का असर आपकी जेब पर कैसे पड़ता है ?
रूपया कमजोर होने का मतलब है विदेशी मुद्रा के बदले में पहले से अधिक रूपये देने पर समान क़ीमत तक पहुँच पाना।
रुपया कमजोर होने का मतलब है आयात की लागत बढ़ना।
रूपये की कीमत ही तय करती है की विदेश से आयात होने वाला कोई सामान हमें किस कीमत पर मिलेगा।
मिसाल की तौर पर 2014 में कोई सामान विदेश से 1 डॉलर में आता था, तो हमें 59 रूपये चुकाने होते थे, आज उसी 1 डॉलर के सामान के बदले में हमें 84 रूपये चुकाने पड़ रहे हैं। जो 25 रूपये हम ज्यादा चुका रहे हैं वो रूपये के गिरने की वजह से है।
स्पष्ट है कि जब विदेश से आने वाली वस्तुएं ज्यादा कीमत पर देश में आयेंगी, तो लोगों को भी महंगे दाम पर ही मिलेंगी।
आप जानते हैं कि भारत 80% कच्चा तेल आयात करता है, अब जब कच्चा तेल महंगे दामों पर भारत आएगा, तो निश्चित ही यह आपको भी महंगे दामों पर ही मिलेगा।
जरा सोचिये ! इंधन महंगा तो सब कुछ महंगा, क्योंकि जब माल ढुलाई की ही लागत बढ़ जाएगी तो इसकी वजह से सभी चीजें महंगी हों जायेंगी।
जब महंगाई बढ़ेगी तो RBI इसे काबू करने के लिए ब्याज दर भी बढ़ाएगी।
RBI के ब्याज दर बढ़ने से लोन की EMI बढ़ जाएगी और लोगों को ज्यादा रकम चुकानी होगी।
विदेश में पढ़ाई करना, घूमना, रहना-खाना सब कुछ महंगा होगा।
यानी रुपए का कमजोर होने से आपकी जेब पर सीधा असर होगा। रुपए का कमजोर होना देश के कमजोर होने की निशानी है।
पहले BJP रूपये कमजोर होने को गलत मानती थी, थोडी सी ही गिरावट पर बड़े बड़े दावों वाले बयान आ जाते थे, लेकिन आज मोदी राज में रूपया रसातल में जा रहा है और पूरी BJP मौन है।
BJP नेताओं के पुराने बयान –
केन्द्र को सिर्फ अपनी कुर्सी बचाने की चिंता है, रुपये की नहीं : मोदी (20 अगस्त 2013)
कांग्रेस और रुपये में होड़ लगी है कि कौन कितना नीचे गिरता है. आज रुपये में रोजाना गिरावट आ रही है. वह 69 रुपये तक पहुंच गया है : मोदी (23 जनवरी 2013)
‘रुपया केवल एक कागज का टुकड़ा नहीं होता। रुपया केवल एक करेंसी नहीं होती, इस करेंसी के साथ देश की प्रतिष्ठा जुड़ी हुई होती है और जैसे-जैसे करेंसी गिरती है, देश की प्रतिष्ठा गिरती है।
: सुषमा स्वराज (29 अगस्त 213)
इसी तरह कई और भी BJP नेताओं ने रूपये की थोड़ी सी गिरावट पर बड़े बड़े बयान दिये, लेकिन आज रूपये की ऐतिहासिक गिरावट पर सब मौन हैं।
वित्त मंत्री की बेशर्मी
देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 16 अक्टूबर 2022 को बेशर्मी के सारे रिकॉर्ड तोड़ते हुए रुपये के लगातार कमजोर होने पर बयान दिया और कहा कि रुपया गिर नहीं रहा, बल्कि डॉलर निरंतर मजबूत हो रहा है।
ये कैसा दोगलापन है
ये कैसी राजनीति है
ये कैसी बेशर्मी है
ये कैसी बीजेपी है?
कुल मिलाकर समझने की बात यह है कि आज जो रुपये में गिरावट हो रही है वो ऐतिहासिक गिरावट है। ऐसी गिरावट आज़ाद भारत में पहले कभी नहीं हुई है। जो BJP चंद पैसों की गिरावट में बड़े बड़े बयान देती थी, और रुपये के कमज़ोर होने को भ्रष्टाचार और देश की प्रतिष्ठा से जोड़ती थी, वो BJP आज सत्ता में है और रुपया धरातल से रसातल में जा रहा है, फिर भी पूरी BJP पूरी बेशर्मी के साथ मौन है।
बीजेपी सरकार, राष्ट्र शर्मसार
संवाद!पिनाकी मोरे