मुस्लिम समाज के नाम खानकाहे तहसीनिया के मोहतमिम मौलाना सोहेब रज़ा खान का दर्दभरा पैगाम
प्रेस विज्ञप्ति
खानकाहे रज़वीया नूरिया तहसीनिया, अल्लामा तहसीन रज़ा खान रोड, कंकर टोला, पुराना शहर बरैली शरीफ
दिनाक :07/04/2024
विषय :मुस्लिम उम्माह के लिए खानकाहे तहसीनिया के मोहतमिम मौलाना सोहैब रज़ा खान का दर्दभरा संदेश,
दुनिया भर के मुसलमान फिलिस्तीनियों के प्रति अपना प्यार व्यक्त करते हुए सादगी से ईद-उल-फितर मनाए।
फिलिस्तीन, विशेषकर गाजा के मुसलमानों की दुर्दशा देखकर आंखें खून के आंसू रोती है, जहां कई महीनों से क्रूर और खूनी इजराइल के हमले में बच्चों सहित हजारों पुरुष और महिलाएं मारे जा चुके हैं, लेकिन दुर्भाग्य से अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने इस पर कोई बात नहीं की है। ज़ायोनी राज्य के ख़िलाफ़ मौखिक ख़र्चों के अलावा कोई प्रभावी क़दम नहीं उठाया गया है जिसके कारण हर दिन सैकड़ों फ़िलिस्तीनी मारे जा रहे हैं।
खुले आसमान के नीचे लाखों लोग भूख-प्यास से पीड़ित हैं। राहत सामग्री को गाजा में प्रवेश नहीं करने दिया जा रहा है, इसलिए मुस्लिम देशों के नेताओं को जागना चाहिए और फिलिस्तीनी भाइयों के समर्थन में एकजुट होना चाहिए।
अगर हम फ़िलिस्तीनियों पर जारी इज़रायली अत्याचारों के ख़िलाफ़ कुछ नहीं कर सकते, तो कम से कम हम अपने फ़िलिस्तीनी भाइयों के दुःख में शामिल होकर और उनके लिए दुआ करके अपना प्यार व्यक्त कर सकते हैं। इसलिए मुसलमानों को ईद-उल-फितर सादगी से मनाना चाहिए।
इत्तेहाद ए अहले सुन्नत मिशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं खानकाहे तहसीनिया के प्रबंधक मौलाना सोहैब रज़ा खान ने कहा कि हमारे फिलिस्तीनी भाई जिस स्थिति से गुजर रहे हैं वह बहुत दर्दनाक है, तो हम ऐसी स्थितियों में खुशी कैसे साझा कर सकते हैं और फिर अपनी खुशी का इजहार कैसे कर सकते हैं।
यह सत्य है कि जब एक भाई संकट में होता है तो दूसरा भाई भी उसके दर्द और परेशानी को महसूस करता है।
तो आइये इसी भावना के साथ हम ईद-उल-फितर सादगी से मनायें।
उन्होंने आगे कहा कि मुस्लिम देश फ़िलिस्तीन के पक्ष में उस तरह से आगे नहीं आये जिस तरह से उन्हें आना चाहिए था, लेकिन कुछ देश खुलेआम ज़ायोनी राज्य का समर्थन कर रहे हैं, जो पूरे उम्माह के लिए शर्म की बात है।
हजरत सोहैब रज़ा साहब ने कहा कि ये मुस्लिम शासक जिन्होंने 15,000 से ज्यादा बच्चों की शहादत पर और पहले किबले पर खामोशी से सौदा किया, वे अल्लाह को क्या जवाब देंगे?
अंत में सोहैब मिया ने कहा कि आज हमें सारी सुख-सुविधाएं मिल रही हैं, सुहर और इफ्तार में तरह-तरह के व्यंजन उपलब्ध हैं, लेकिन सोचिए हमारे फिलिस्तीनी भाइयों का क्या होगा जिनके पास न तो पीने के लिए पानी है और न ही रहने के लिए छत। गाजा का 80% हिस्सा नष्ट हो चुका है और इजराइल के खूनी अपराध बढ़ते ही जा रहे हैं।
ऐसा लग रहा है कि कब्जा करने वाला इजरायल फिलिस्तीन को राख के ढेर में बदल देगा यह बड़ा शैतान है, फिलिस्तीन के पक्ष में सख्त कदम उठाए जाने चाहिए।’
और हमें अल्लाह से गाजा के लोगों के लिए दुआ करनी चाहिए।