जानिए आज ब तारिख 8 अप्रेल, भारत में लग रहे सूरज ग्रहण से कितना प्रभाव पड़ेगा?

संवाददाता

मोहमद अरशद यूपी

भारत में इस ग्रहण का कितना प्रभाव पड़ेगा? इसको लेकर भी चर्चा शुरू हो गई है। सूर्य ग्रहण या चंद्र ग्रहण की घटना जब नजदीक आती है तो सूतक को लेकर लोगों में उत्सुकता जागृत हो जाती है।

इस बार जो सूर्य ग्रहण (Solar Eclipse 2024) लग रहा है, उसमें सूतक (Sutak) के नियमों का पालन किया जाना चाहिए या नहीं, इसका उत्तर जानने से पहले ये जान लेते हैं कि आखिर ‘सूतक’ क्या होता है?

सूतक क्या होता है? (Sutak Kya Hota hai?)

सूर्य ग्रहण के दौरान जब सूतक मान्य होता है तो ऐसी मान्यता है कि इस समय प्रकृति संवेदशनशील हो जाती है और वातावरण में नकारात्‍मकता फैल जाती है।
इसलिए ये समय शुभ और मांगलिक कार्यों के लिए उत्तम नहीं माना जाता है। सूतक काल में पूजा पाठ आदि कार्य वर्जित माने गए हैं। सूतक लगने पर मंदिरों के कपाट बंद हो जाते हैं।.

ज्योतिष ग्रंथों के अनुसार सूर्य ग्रहण से 12 घंटे पहले सूतक काल (Sutak Kal) शुरू होता है. लेकिन 8 अप्रैल को लगने वाले सूर्य ग्रहण (Solar Eclipse 2024) के दौरान भारत में सूतक नियमों का पालन न करने से कोई हानि नहीं है, क्योंकि भारत में इस ग्रहण को कोई प्रभाव नहीं पड़ रहा है। फिर भी सावधानी बरतते हुए जो लोग इन नियम का पालन करना चाहते हैं वे कर सकते हैं।

बताते चलें कि सूतक काल तभी प्रभावी माना जाता है जब भारत में पूर्ण ग्रहण (Total Solar Eclipse 2024) की स्थिति बनती है। उपछाया और आंशिक ग्रहण की स्थिति में भी सूतक नियमों का पालन करना अनिवार्य नहीं माना गया है। तो कोई किसी को डरने की जरूरत नहीं।

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