मोदी जी के रहते भारतीयों को ऐसा क्यों लग रहा है कि इन सारी मुश्किलों से मुकाबला कर पाना अब मुश्किल है? है

एक महान देश की एक सौ 45करोड़ जनता कई मुश्किलों से गुजर बसर करने पर मजबूर है। अच्छे दिन का सपना दिखाए मोदीजी ने आम जनता के साथ बड़ा धोखा दिया और दस साल तक बेवकूफ बनाते रहे है। ऐसे माहौल में अब
62% भारतीयों को लगता है कि देश में नौकरी पाना मुश्किल हो गया है।

71% भारतीयों को लगता है कि कीमतें बेतहाशा बढ़ी हैं।
50% भारतीयों को लगता है कि नौकरियां और महंगाई सबसे बड़ा चुनावी मुद्दा है।
55% भारतीयों का मानना है कि पिछले पांच वर्षों में मोदी के शासन में भ्रष्टाचार बढ़ गया है।
59% भारतीयों को लगता है कि किसानों की मांगें वास्तविक हैं। जिसकी पुरता होने की कोई गारंटी नहीं।

यह पूछे जाने पर कि क्या मोदी सरकार को दोबारा चुना जाना चाहिए 56% भारतीयों ने या तो ना कहा या कोई जवाब ही देना मुमकिन नहीं समझा।
ये अखिल भारतीय सीएसडीएस सर्वेक्षण के निष्कर्ष थे।

लोक सभा चुनाव के पहले चरण के मतदान के बाद
कोई आश्चर्य नहीं कि एक्सिस प्रदीप गुप्ता कह रहे हैं कि बीजेपी को 13 राज्यों में भारी झटका लग रहा है।
पहले चरण के मतदान से यह फीडबैक मिल रहा है कि भाजपा INDIAAlliance से पीछे चल रही है।पूरे देश में बीजेपी उम्मीदवारों के खिलाफ जबरदस्त अंडरकरंट लहर है।

इस बार चार सौ पार की चुनौतियां बीजेपी के के लिए रोड़ा बनकर सामने खड़ी है। लोगों इस मुड़ कुछ और ही दिशा की तरफ चल पड़ा है। लिहाजा अबकी बार बीजेपी को 150 से ज्यादा सीटों का नुकसान तय लग रहा है।उधर मोदीजी कह रहे है कि चार जून के चुनावी नतीजे देख विरोधी खेमे के नेता लोग एक दूसरों के कपड़े फाड़ने पर मजबूर होंगे! नगर हकीकत कुछ विपरीत ही होगी
4 जून सबको चौंका देगा!

मोदी तो गयो

1 टू का फोर

संवाद:पिनाकी मोरे,

एडमिन

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