पुर्व प्रधान मंत्री कारगिल हमले के पहले क्यों गए थे पाकिस्तानी दरबार में?
विशेष संवाददाता एवं ब्यूरो
ये बेहद ही सोंचने लायक घटना है,
जिन्ना का डीएनए जब जब भारत की सत्ता में होता है, तब तब वह कभी बुलाने पर, तो कभी बिन बुलाए जिन्ना के देश को थैंक्यू बोलने, पाकिस्तान जाकर सजदा जरूर कर आता है।
अटल बिहारी कारगिल हमले के पहले पाकिस्तानी दरबार मे? उधर
जशवंत सिंह विथ कैश आतंकियों के साथ कंधार में। यूंही नहीं
जिन्ना की मजार पर आडवाणी ने भी मत्था टेका.।
सूत्र बताते है कि 2014 इलेक्शन जीत के बाद संघी नर्सरी का पत्रकार वेद प्रताप वैदिक अपने रिश्तेदार हाफिज सईद के साथ पाकिस्तान में। तो देश के मौजूदा वक्त के प्रधानमंत्री
मोदी के शपथ ग्रहण समारोह मे मोदी के न्योते पर भारत पहुँचे थे नबाब शरीफ।
बिन बुलाए विथ गिफ्ट नवाज़ शरीफ के दरबार मे सजदा करने पहुँचा मोदी और वहां उस वक्त दाऊद इब्राहिम भी मौजूद था, पता नहीं क्या बिरयानी पकाई दाऊद के साथ?
भारत मे पाकिस्तान परस्त कौन है,आतंकियों के सरगना से रिश्ते किसके है, झप्पी पप्पी देने के लिए कौन उतावला रहता है और उसकी विचारधारा कौन सी है, उसे पहचान लीजिये?।।
#जिन्नाकाडीएनए संघ”
झप्पी पप्पी में आत्मीयता देखिये। महज हर समय मुसलमानों को तानाकशी करते हुए बदनाम किया जाता रहा है कि कुछ हिंदुस्तानी मुस्लिम पाक परस्त है? जरा तो शर्म करो ,खुद के गिरबान में झांकिए।
साभार;पिनाकी मोरे