इधर जनजातीय कार्यविभाग मे घोर लापरवाही बनी कारण कई छात्र/छात्राओं की चली गई जान,विभाग बेसुध

छिंदवाड़ा

जिला ब्यूरो

छिदंवाडा के जनजातीय कार्यविभाग में लापरवाही के कारण कई छात्र/छात्राओं की चली गई जान फिर भी विभाग नहीं ले रहा सुंध।

छिंदवाड़ा ।सहायक आयुक्त सतेन्द्र सिंह मरकाम के कार्यकाल में नहीं है सुरक्षित आदिवासी के बच्चे।
आखिर क्यों ऐसे लापरवाही करने वाले अधीक्षक को दो बार फिर सौप रहे छात्रावास एंव आश्रम शाला जिनके कारण आदिवासी बच्चों की गई थी जान?
छिदंवाडा जिले के जनजातीय कार्यविभाग में भ्रष्टाचार करने वाले अधिकारी/ कर्मचारियों के हाथों में आदिवासी समाज के बच्चो का भबिष्य। आखिर जनजातीय कार्यविभाग में ऐसा कौन सा मंडल संजोजक है ।जिसकी लापरवाही से आदिवासी समाज के छात्र/ छात्राओं गई जान ?

आखिर ऐसा कौन सा मंडल संयोजक है। छिदंवाडा के जनजातीय कार्यविभाग में जिसनें भ्रष्टाचार फैला रखा है। जो लापरवाही करने वाले अधीक्षक/ अधीक्षिक का बना है रक्षक।
आखिर कब तक पैसे एंव नेताओं की चापलूसी करके आदिवासी समाज के बच्चों का करते रहेगा शोषण।
जनजातीय कार्यविभाग द्वारा संचालित छात्रावास/ आश्रम शालाओं में दर्जनों धटना आखिर किसकी लापरवाही?

धटना-1

छात्रावास में रहकर पढ़ने वाले छात्र की संदिग्ध मौत, पुलिस कर रही जांच
बालक छात्रावास सोनपुर अमरवाडा में अचानक तबियत बिगड़ने से 11 वीं के छात्र की मौत हो गई।
तबियत खराब होने की सूचना जब छात्रावास प्रबंधन को हुई तो छात्र को अस्पताल में भर्ती करवाया गया जहाँ उसे मृत घोषित कर दिया गया। पुलिस इस मामले की जांच कर रही है। छात्र का नाम ओमप्रकाश बताया जा रहा है।
छात्र का नाम ओमप्रकाश उम्र 18 साल बताई जा रही है। ओमप्रकाश के पिता का नाम रमेश है।

जानकारी के अनुसार, छात्र सुबह उठा लेकिन उसकी तबियत कुछ खराब थी। इसकी सूचना छात्रावास प्रबंधन को दी गई तो छात्र को लेकर कर्मचारी तुरतं अस्पताल पहुंचे। अस्पताल में इलाज के दौरान छात्र को मृत घोषित कर दिया गया। इसके बाद जिला आदिम जाति कल्याण विभाग सहायक आयुक्त सत्येंद्र मरकाम ने छात्र की मौत के कारणों के जांच आदेश दे दिए हैं। उसके बाद छात्रावास अधीक्षिका को निलंबित किया गया था। टीप- सोनपुर बालक छात्रावास में छात्र की मौत के बाद अधीक्षक सविता तिवारी को लापरवाही के कारण निलंबित कर दिया गया था । लेकिन ऐसा क्या हुआ कि कुछ माह बाद ही लापरवाह अधीक्षिका सबिता तिवारी को सहायक आयुक्त महोदय ने चौरई में अधीक्षक के पद पर पदस्थ कर दिया। ये बडा सवाल है।

धटना-2

अमरवाडा की अधीक्षिका ने जनजातीय कार्यविभाग में आकर सहायक आयुक्त के साथ बदसलूकी किया ऐसा सहायक आयुक्त महोदय ने खुद कहा और थाने में रिपोर्ट दर्ज किया लेकिन फिर क्या हुआ कि सहायक आयुक्त महोदय ने फिर से उन्हें अधीक्षक के पद पर पदस्थ कर दिया? मतलब साफ है कि ए.सी साहब झूठ बोल रह थे कि उनके साथ अधीक्षिका ने बदसलूकी किया था!

धटना-3

आदिवासी कन्या छात्रावास में नाबालिग ने फांसी लगाकर की आत्महत्या। नाश्ते के बाद जब खाना खाने के लिए बुलाने पहुंचे तो पंखे से टंगी मिली लाश, प्रशासनिक व पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे, पुलिस जुटी जांच में।
छिंदवाड़ा शहर के नरसिंहपुर नाका धरमटेकड़ी पुलिस चौकी के पीछे स्थित शासकीय कन्या शिक्षा परिसर में उस समय हडक़ंप मच गया जब संयुक्त सीनियर कन्या छात्रावास में नाबालिग छात्रा ने अपनी चुनरी से फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।

सुबह सात बजे नाश्ता करने के बाद जब खाना खाने की पूछने के लिए पहली मंजिल स्थित हॉल में पहुंचे तो छात्रा का शव फंदे पर लटका मिला था। इस घटना की सूचना छात्रावास अधीक्षक इंद्राणी बेलवंशी तथा आदिम जाति कल्याण विभाग के सहायक आयुक्त सत्येंद्र मरकाम को दी गई। सूचना पर पुलिस व आला प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे। पुलिस ने अधिकारियों व परिजनों के सामने छात्रा का शव फंदे से नीचे उतारा तथा पीएम के लिए जिला अस्पताल पहुंचाया। पीएम रिपोर्ट के बाद मौत का कारण स्पष्ट होगा।

प्राप्त जानकारी के अनुसार छात्रा जिसकी उम्र 14 वर्ष वह ग्रामीण अंचल की रहने वाली थी तथा अगस्त 2023 में इस छात्रावास में रहकर कक्षा 9 वीं की पढ़ाई कर रही थी। छात्रावास की पहली मंजिल पर स्थित हॉल में छात्रा ने पलंग के ऊपर टेबल रखा तथा पंखे पर चुनरी की मदद से फांसी लगा ली। सूचना पर छात्रा के परिजन भी छात्रावास पहुंच गए थे जिनका रो रोकर बुरा हाल था। इस घटना से छात्रावास की कक्षा नववि से बाहरवी तक की पढ़ाई करने वाली अन्य छात्राएं भी सदमे में है। वहीं घटना की जानकारी के बाद आदिम जाति कल्याण विभाग के अधिकारी भी पहुंचे थे। छात्रा ने किन कारणों से यह कदम उठाया उसकी जांच में पुलिस जुट गई है।
इस घटना के बाद अधीक्षिका एंव सहायक आयुक्त को निलंबित किया गया।

धटना-4

चौरई बाईपास पर सड़क हादसे में युवक की मौत हो गई जबकि तीन छात्राएं घायल हो गईं। छात्रावास की तीन छात्राएं गंभीर रूप से घायल हो गई हैं। चौरई अस्पताल में इलाज के बाद तीनों को छिंदवाड़ा जिला चिकित्सालय रेफर किया गया, जहां उनका इलाज किया गया था
छुट्टियां लगने के कारण ने चपरासी को आवेदन देकर बिना पूछे ही चली गईं।
छात्रावास अधीक्षिका ने बताया कि तीनों छात्रावास में 11वीं कक्षा में अध्यनरत हैं। छुट्टियां लगने के कारण ने चपरासी को आवेदन देकर बिना पूछे ही चली गईं, किसी लड़के के साथ गई थींं। पता चला कि अचानक फोन आया कि खुट पिपरिया के पास एक्सीडेंट हुआ है। उसके बाद सहायक आयुक्त ने छात्रावास अधीक्षिका को निलंबित कर दिया।

धटना-5

छात्रावास में नकाबपोश युवक ने 9वीं के छात्र पर किया जानलेवा हमला

छिंदवाड़ा जिले के विकासखंड के परतापुर स्थित आदिवासी आश्रम में 15 अगस्त की शाम एक छात्र पर अज्ञात नकाबपोश युवक ने हमला कर दिया। पुलिस ने बताया कि 14 वर्षीय छात्र सोनू ढ़करिया कक्षा 9वी में पढ़ता है। देर शाम को आश्रम के पीछे बने टॉयलेट से लौट रहा था। तभी पीछे से एक युवक ने उस पर धारदार हथियार से हमला कर दिया। उसने पीछे देखा तो हमलावर के मुंह पर रूमाल बंधा था। छात्र तुरंत वहां से भाग गया और तत्काल इसकी सूचना पुलिस को दी गई। पुलिस मामले की जांच कर रही है।

धटना-6

जनजातीय कार्यविभाग द्वारा संचालित बालक आश्रम बटकाखापा में भी एक छात्र की मौत हो गई थी ।जिसके बाद अधीक्षक शिव नारायण ठाकुर को निलंबित कर दिया गया था। टीप- आखिर निलंबित होने के बाद शिवनारायण ठाकुर ने नेताओं से एंव सहायक आयुक्त से सांठगांठ कर जिला मुख्यालय के छात्रावास में अधीक्षक के पद पर पुनः पदस्थ हो गया इससे समझ सकते हो कि लापरवाही करने वालें पर सहायक आयुक्त कितने मेहरबान है .?

धटना-6

जनजाति कार्य विभाग के हॉस्टल में बड़ी लापरवाही,
स्कूल टाइम में बच्चों से करवाया जाता है साफ-सफाई का काम।
सरकारी कामकाज में आए दिन बहुत सारी गलतियां देखने को मिल रही हैं।जनजाति कार्य विभाग द्वारा संचालित छात्रावास की अनियमितता खत्म होने का नाम नहीं ले रही हैं। सरकारी स्कूलों और आदिवासी बालक आश्रम शालाओं की हालत लगभग एक जैसी हो चुकी है।. हर जगह से बच्चों से काम करवाने की खबरें आ रही हैं। ताजा मामला जिला मुख्यालय मानसरोवर आदिवासी बालक आश्रम का सामने आया है, जहां आदिवासी आश्रम में छोटे-छोटे आदिवासी बच्चों के हाथों से छात्रावास में झाड़ू लगवाया जाता है. बच्चों ने छात्रावास से जुड़ी अनियमितताओं के बारे में खुद बताया।

स्कूल के टाइम पर करवाया जाता है काम।

छिंदवाड़ा के जनजाति कार्य विभाग द्वारा संचालित छात्रावास के बच्चों से उनके स्कूल टाइम पर काम करवाया जाता है।. यहां अध्ययन करने वाले एक बच्चे ने बताया कि प्रतिदिन अलग-अलग बच्चों से अधीक्षक महोदय साफ सफाई कराते हैं।
टीप- सहायक आयुक्त की मेहरबानी ही कहो कि आज तक ऐसे लापरवाही करने वालें अधीक्षक पर कोई कार्यवाही नहीं हुई है ।जो आपनी मूलशाला छोड़ बीसों साल से एक ही जगह अधीक्षक के पद पर पदस्थ है और आदिवासी समाज के बच्चों का शोषण कर रहे है। जनजाति कार्यविभाग द्वारा संचालित जिला मुख्यालय में ऐसे कई छात्रावास /आश्रम शालाएं हैं जहां आज भी बच्चे बीमार पड़े हुए हैं। लेकिन जिम्मेदार सहायक आयुक्त एवं अधीक्षक /अधीक्षिका इन बच्चों की देखरेख नहीं कर पा रहे हैं। आज भी इन छात्रावास में रहने वालें बच्चों के साथ खुलेआम शोषण हो रहा है लेकिन जिले में बैठे सहायक आयुक्त इसे नजर अंदाज कर बैठे हैं। आखिर सहायक आयुक्त ऐसे दोषी एंव लापरवाह करने वालें अधीक्षक/ अधीक्षिका पर कब तक मेहरबानी करते रहेंगे जो आदिवासी समाज के बच्चों पर शोषण कर रहे है?एंव उनके मिलने वाली योजनाओं में पलीता लगाकर लाखों कमा रहे है ।अब तो जाग जाओ सहायक आयुक्त महोदय जी।

संवाद;मनोज डोंगरे

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