आज भी उन्हे याद किया जाता है जब लीबिया में मुअम्मर गद्दाफी की हुकूमत थी
संवाददाता
जब लीबिया में मुअम्मर गद्दाफी का शासन था:
बिजली के बिल न के बराबर थे। सरकार द्वारा अधिकांश नागरिकों को बिजली निःशुल्क उपलब्ध कराई जाती थी।
बैंक लोन पर कोई ब्याज नहीं था बैंक सरकार के कंट्रोल में थे, और कर्ज़ पर ब्याज दर सरकार द्वारा 0% तय की गई थी।
मुअम्मर गद्दाफी ने अपनी आवाम से वादा किया था कि जब तक लीबिया में हर किसी के पास अपना घर नहीं होगा तब तक वह अपने माता-पिता के लिए घर नहीं खरीदेंगे।
लीबिया में सभी नए शादी शुदा जोड़ों को अपना परिवार शुरू करने के लिए सरकार से वज़ीफा मिलता था।
गद्दाफी के शासन में लीबिया में शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा मुफ्त थी और साक्षरता दर में 58% की वृद्धि हुई थी।
किसान लोग जो खेतों पर रहना चाहते थे तो उन्हें मुफ्त घरेलू उपकरण, बीज और मवेशी मिलते थे।
बीमार लोग अगर लीबिया में इलाज नहीं करा पाते हैं, तो सरकार उन्हे वित्तीय सहायता और विदेश में इलाज के लिए आवास और यात्रा खर्च का करती थी।
कार खरीदने के लिए सब्सिडी और वित्तीय सहायता कार्यक्रम थे।
अत्यधिक सब्सिडी मिलने के कारण LPG गैस की कीमत 0.14 डॉलर प्रति लीटर हो गई थी।
लीबिया पर कोई विदेशी कर्ज़ नहीं था, और मुद्रा भंडार $150 बिलियन था जिसे 2011 के बाद US ने दुनिया भर सीज़ करवा दिया है।
जिन लीबियाई लोगों को पढ़ाई पूरा करने के बाद नौकरी नहीं मिल सकती थी, सरकार उन्हें रोजगार मिलने तक हर हमने एवरेज वेतन (बेरोज़गारी भत्ता) देती थी।
लीबिया ने रेगिस्तान में पानी की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए दुनिया की सबसे बड़ी सिंचाई परियोजना, “बिग मैन प्रोजेक्ट” लागू की थी।गद्दाफी सोने पर आधारित अफ्रीकी मुद्रा चाहते थे ताकि अश्वेत राष्ट्र अमेरिकी डॉलर या अन्य पश्चिमी मुद्राओं पर निर्भर हुए बिना अपने लिए बेहतर व्यवस्था कर सकें। लेकिन अफसोस आज गद्दाफी जैसे शासक शायद ही देखने को मिलेंगे जो सिर्फ अपनी आवाम की भलाई के लिए हुकूमत करते रहे होंगे।
संवाद;मोहमद अफजल इलाहाबाद