चारो तरफ से पीड़ित हुई मोदी राज। में देश की आम जनता
विशेष संवाददाता एवं ब्यूरो
अच्छे दिन, हर एक के खाते में 15 लाख को रकम। जमा करने और विकास का झुनझुना दिखा कर दस साल के ऊपर सत्तासीन हुई मोदी, बीजेपी की सरकार में गरीब जनता और मिडल क्लास जनता पाशोपस में पड़ गई इतनी खुश नही है जितनी होनी चाहिए। इसके क्या कारण हो सकते है?
नौकरी से पैसा कमाओ तो टैक्स, बैंक में पैसा जमा करो तो टैक्स, बैंक से पैसा निकालो तो टैक्स, बैंक में पैसा रखे रखो तो भी टैक्स, अपनी संपत्ति बेचो तो टैक्स। बेचे हुए ही पैसों से नई संपत्ति लो तो टैक्स। अच्छी होटल में खाना खाओ तो (एक दाल तड़का आ जाए उतना सर्विस) टैक्स, शेयर बाजार में घाटा हो तो सिर्फ आपका, लेकिन मुनाफा कमाया तो हमारा टैक्स।
पिछले दस साल में स्कूलों की फीस,डॉक्टर की फीस और सभी जीवन यापन के लिए आवश्यक सेवाओं में
10 गुना वृद्धि हो गई है।थमी ही रह गई है तो सिर्फ मध्यम वर्गीय की आय।उसमें भी वो जोड़ तोड़ करके अपना परिवार चलाने की कोशिश करता है तो फंसा देते हो उसकी छोटी सी इनकम में “टैक्स।
अब पेश किया बजट इसमें भी आम जन के लिए कोई खास सहूलियतें और खुशी मनाने जैसी कोई खास बात हैंही नहीं । ये बजट मात्र संयोगी दलों को खुश रखने के लिए जिन्हो ने मुसीबत के वक्त मोदी जी के डूबते जहाज को बड़ी बड़ी डिमांड कर समर्थन देते हुए डूबने से बचा लिया। उन सबको खुश करने और खुदकी कुर्सी बचाने लिए बजट के जरिए करोड़ों रुपए की डिमांड पेश कर घटक दलों की खातिर
तवाजू किया गया। इस बजट में कहीं पर भी कोई गरीब जन खुश नही है। बल्कि ऐसे माना जाता है कि
ये वित्त मंत्री इतिहास की सबसे रद्दी वित्त मंत्री है.कुछ आता ना जाता।अपना काम बनता भाड़ में जाए जनता बस और क्या, भारत माता की जय हो।
संवाद;पिनाकी मोरे