मुकेश अंबानी का 27 मंजिला बंगलो एंटीलिया खड़ा है वहां कभी अनाथालय हुआ करता था, करीम भाई खोजा की करोड़ों की जमीन को मात्र 21करोड़ मे कैसे खरीदा गया?

विशेष संवाददाता एवं ब्यूरो

करीम भाई खोजा की जिस ज़मीन पर आज मुकेश अंबानी का 27 मंजिला आवास एंटीलिया खड़ा है वहां कभी अनाथालय हुआ करता था।

आगे पढ़िए : अनाथालय की ज़मीन को मुकेश अंबानी की कंपनी एंटीलिया कमर्शियल प्राइवेट लिमिटेड ने 21 करोड़ रुपए में खरीदा था जबकि उस वक्त उस ज़मीन की कीमत ही 150 करोड़ रुपए थी. मतलब आल्ट माउंट रोड पर मौजूद बेहद कीमती ज़मीन, मुकेश अंबानी को बेहद सस्ते दाम में मिल गई।

अनाथायल चलाने वाले खोजा ट्रस्ट ने मुकेश अंबानी को इतनी महंगी ज़मीन क्यों इतने कम दाम में बेच दी–यह समझाने की ज़रूरत नहीं। जब सिस्टम आपका गुलाम हो तो महज कुछ सालो में दुनिया का दूसरा सबसे अमीर शख्स भी बना जा सकता है। यह तो कुछ भी नहीं था।

चूंकि वक्फ बोर्ड ने विरोध किया इसलिए अनाथालय चलाने वाले ट्रस्ट ने मुंबई के चैरिटी कमिश्नर से अनुमति मांगी। चैरिटी कमिश्नर ने चैरिटी दिखाते हुए तुंरत खरीद-बिक्री की इजाजत दे दी। ज़मीन अंबानी की झोली में आ गिरी।
जिस वक्त अंबानी ने अनाथालय की ज़मीन खरीदी उस वक्त केन्द्र में अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार थी। प्रमोद महाजन तब पीएमओ और अंबानी के बीच गो-बिटवीन हुआ करते थे। प्रमोद महाजन ने ही अटल बिहारी वाजपेयी से धीरूभाई अंबानी को भारत रत्न देने की सिफारिश की थी। बदले में अंबानी ने भारतीय जनता पार्टी को 100 करोड़ फंड का प्रस्ताव दिया था!

बाद में चैरिटी कमिश्नर के इस फैसले को कोर्ट में चुनौती भी दी गई। लेकिन बात हाथ से निकल चुकी थी। मामला फिलहाल सुप्रीम कोर्ट की एक स्पेशल बेंच के पास है। इसी मामले में भारत के एटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल हाजिर होना चाहते थे लेकिन कोई है जो चाहता है कि वेणुगोपाल इस मामले में हाजिर न हों।

परेशान होकर वेणुगोपाल ने दो चिट्ठी भी लिखी सुप्रीम कोर्ट को लेकिन कुछ होता हुआ नहीं दिखा रहा।
राहुल गांधी यूं ही नहीं कहते कि पूरा सिस्टम,मीडिया से लेकर न्यायपालिका तक सब अंबानी-अडानी की जेब में कैद है। कोई राह निकले भी तो कैसे ? एक यक्ष प्रश्न है।

साभार;पिनाकी मोरे

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