धर्मस्थल में 16लाख का गबन वाले मामले का पर्दाफाश
जुन्नारदेव
संवाददाता
धर्मस्थल में गबन का अधर्म 16 लाख का गबन ग्राम पंचायत जुन्नारदेव विशाला जिला कलेक्टर के निर्देश पर एसडीएम द्वारा जांच दल गठिथ जांच दल ने किया पंचायत का निरीक्षण
जुन्नारदेव। जांच दल को भी गुमराह करने की कोई कोशिश जांच दल पंचायत की कार्यप्रणाली से नाखुश नगर सहित विदर्भ के भगवान शंकर के लाखों भक्तों के श्रद्धा एवं आस्था का केंद्र पहली पायरी में बीते वित्तीय वर्ष में किए गए कथित तौर पर 16 लाख के गबन का मामला सामने आने के बाद प्रशासन के द्वारा सख्त रुख अपनाया गया।
नगर के बुद्धिजीवियों की शिकायत सहित मीडिया में इस गबन की खबर प्रशासन के बाद जिला प्रशासन के द्वारा रुख अख्तियार करते हुए स्थानीय एसडीएम महोदया को जांच दल गठित करने के निर्देश दिए गए थे। स्थानीय एसडीएम के द्वारा गठित जांच दल के द्वारा बीते दिनों जुन्नारदेव विशाला ग्राम पंचायत के पहली पायरी में भ्रमण किया गया।
यहां पर किसी भी प्रकार के समुदायिक भवन के निर्माण होने की पुख्ता जानकारी नहीं मिल पाई, जबकि बताया जा रहा है कि यहां पर पंचायत के सरपंच और सचिव के द्वारा जांच दल को गुमराह किया गया है। यहां पर अन्य एक बड़े प्रकल्प को पंचायत के द्वारा स्वयं का बताया जाना जांच दल को नागवार गुजारा है।
पता चला है कि विशाला के उस निर्माणधीन स्ट्रक्चर को देखकर जांच दल में कई सवाल पंचायत सचिव और सरपंच पर ठोक डालें, जिसको लेकर पंचायत कर्मी बग़ले झांकने लगे थे। अब देखना है कि जांच दल के इस प्रतिवेदन के बाद प्रशासन के द्वारा और क्या कार्रवाई की जाती है। हालांकि दूसरी ओर शिकायतकर्ताओं के द्वारा इस मामले पर लगातार नजर बनाई हुई है और वह जल्द ही ग्रामीण पंचायत एवं विकास मंत्रालय के मंत्री एवं मुख्य सचिव से प्रत्यक्ष भेंट कर धर्म स्थल में गबन के अधर्म करने वालों पर कार्रवाई कर उनके विरुद्ध एफ आई आर दर्ज करने की मांग रख रहे हैं।
अभी इस संदर्भ में शिकायतकर्ताओं के द्वारा जांच दल की रिपोर्ट का आकलन करने के बाद निश्चित रूप से श्रद्धा और आस्था के इस केंद्र में गबन का दुष्कृत्य करने वाले इन संबंधित कर्मचारियों व अधिकारियों सहित जनप्रतिनिधियों के विरुद्ध लंबी लड़ाई छेड़ जाने की बात कही गई है।
शिकायतकर्ताओं ने उच्चस्तरीय जांच की रखी मांग जांच दल के द्वारा इस सामुदायिक भवन के गठित गबन के मामले पर जांच प्रतिवेदन सौंप दिए जाने के बाद अब शिकायतकर्ताओं के द्वारा इस मामले में उनके प्रति आभार देते हुए मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव से निष्पक्ष जांच की मांग की गई है.
इस संदर्भ में प्रदेश के मुख्यमंत्री, ग्रामीण एवं पंचायत विकास मंत्री, संभागीय कमिश्नर, प्रदेश के मुख्य सचिव एवं पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्रालय के मुख्य सचिव को इस गबन के मामले से जल्द ही अवगत कराया जाएगा। उसे मामले की निष्पक्ष एवं पारदर्शी जांच हेतु लोकायुक्त एवं ई ओ डब्लू को भी पत्र प्रेषित किया जा रहा है।
साभार=
मनोज डोंगरे – जिला ब्यूरो