धारावी पुलिस की नाक के नीचे कैसे धडल्ले से बेख़ौफ़ चल रहा है,पेट्रोल एवं डीज़ल चोरी का धंधा ? जानिये !
मुंबई:- मेहमूद शेख.
धारावी पुलिस की सेटिंग्स के चलते आये दिन पार्किंग की प्राइवेट जगहपर खड़ी वाहनों से सेकड़ो लीटर पेट्रोल व डिज़ल् चोरी कर इसे मनमाने दाम में बेचने का धंधा जोरो शोर में बरकरार रहा है ?
प्राप्त सूत्रों के मुताबिक माहिम धारावी लिंक रोड पर स्थित सूर्योदय अपार्टमेंट के निकट थेवर नगर के कल्याण वाड़ी कंपाउंड मे एक खाली जगह मौजूद है । यहा प्राइवेट वाहनों के लिये पार्किंग जैसी जगह मुहैय्या कर रोजाना सेकड़ो वाहनो से हज़ारो लीटर पेट्रोल व् डीज़ल चोरी का कारोबार धड़ल्ले से चल रहा है।
बतादे क़ि धारावी पुलिस को खासे पटाकर उक्त चोरी का कारोबार शाम से लेकर देर रात तक चलता है । इस कथित काम के गिरोह में कृष्णा मद्रासी और उसके परिवार के लोगों की टीम शामिल है।
आये दिन हज़ारो लीटर चोरी का पेट्रोल व डिज़्ज़ल पास वाली सूर्योदय बिल्डिंग के नीचे खुफिया जगह है वहां रखकर फिर इसे वक्त रहते ठिकाने लगाया जाता है।यानी हमेशा से बनाये गए उनके जो पुराने पहचान के कुछ ग्राहक है उन्हें मनमाने दाम में बेचा जाता है।
इस काली कमाई का कुछ हिस्सा स्थानीय पुलिस के सीनियर PI से लेकर ऊपर तक पहुंचाया जाता है। ऐसे सूत्रों से पता चला है।
शायद यही वजह है कि इस करोबार के खिलाफ कई बार लिखित शिकायत करने के बाद भी धारावी पुलिस इस के खिलाफ ठोस कार्रवाई कर ने में नाकाम रही है। इसे हमेशा से संरक्षण दिए जा रही है।
यही कारण के चलते पेट्रोल डीज़ल चोर माफिया गिरोह के हौसले बुलंद है।
यहाँ इन्हें किसी भी कानून का ख़ौफ नही है।
यहां पार्किंग में रोज़ मर्रा खड़ी रहने वाली वाहनों के ड्रायवरों की भी इस चोर माफिया गिरोह से ख़ासे सेटिंग चल रही है।
धारावी पुलिस को इस बारेमे पूरी तरह से खबर है।
फिर भी जान बूझ क़र हमेशा इस गिरोह को बचाने व् संरक्षण देने में जुटी रहती है।
हालात तो ऐसे ही लगते है कि रिश्वत के आगे धारावी पुलिस की मज़बूरी जो है । ऐसे में कार्रवाई तो क्या पूरी तरह से नज़रअंदाज़ कर रही है।ऐसे मेंइसके खिलाफ सख्त कार्रवाई हों पाना मुश्किल है। बल्कि नामुमकिन है।
लिहाज़ा सामाजिक संस्थाओं के लोगो ने पुलिस ज़ोन-5 के उपायुक्त, तथा मुम्बई पुलिस आयुक्त से इसे तुरंत बंद करवाने की अपील की है।
उक्त मामला बीते साल भी 16/03/2017को प्रकाशित किया जा चुका है।परंतु अबतक कोई ठोस कार्रवाई नही?