काश गुरु नानक जी के संदेश को मान लिया होता तो आज इस दोनों देश के समाज की इतनी खस्ता हालत कभी नही होती !

IMG-20181123-WA0126

रिपोर्टर.

पंजाब के गुरदासपुर जिले के डेरा बाबा नानक से पाकिस्तान स्थित गुरुद्वारा करतारपुर साहिब जाने के लिए विशाल गलियारे की निर्माण योजना का श्रेय लेने की होड़ सी मच गई है।

भारत-पाक की सरकारें इसे अपनी-अपनी कोशिशों का नतीजा बता रही हैं।

उधर पंजाब में अकाली-भाजपा, कांग्रेसी और भाजपाई, अपना-अपना दावा पेश कर रहे हैं कि उनके प्रयासों से करतारपुर गलियारे की निर्माण योजना को दोनों मुल्कों से मंजूरी मिली है।
करतारपुर गुरुद्वारे का सिख धर्मावलंबियों में बहुत महत्व है।
गुरु नानक ने अपने जीवन के अंतिम 18 वर्ष करतारपुर में ही बिताये थे,

जो देश-विभाजन के बाद पाकिस्तान की तरफ चला गया!
कैसी विडम्बना है, सरकारों, पार्टियों और मंत्रियों-नेताओं में इस गलियारे की निर्माण योजना का श्रेय लेने की होड़ सी मची है!

पर इनमें कोई भी गुरु नानक के संदेश और उनके विचार को मानने को तैयार नहीं!

अगर ये नानक की बातों का एक छोटा हिस्सा भी मान रहे होते तो आज दोनों देशों के बीच और दोनों के अपने समाजों के बीच इतनी मार-काट, दंगा-फसाद, बेईमानी, धूर्तता, असमानता और उत्पीड़न क्यों होता ?
गुरुपूरब दीयां लख-लख बधाइयां!

SHARE THIS

RELATED ARTICLES

LEAVE COMMENT