सत्ता का मोह ठीक नही , सरकारे जनता के कल्याण के लिए होती है न कि जनता सरकारों की नाकामियों की सजा भुगतने के लिए?

रिपोर्टर:-
अपनी उपलब्धियों का श्रेय लेने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ती हैं तो उन्हें अपनी उन नाकामियों को भी स्वीकार करलेना चाहिए !
सरकारें केवल जनता के कल्याण के लिए जिम्मेदार होती हैं, न कि जनता सरकारों की नाकामियों की सजा भुगतने के लिए.!
माना आपदा का आना सरकार के हाथों में नहीं है!
लेकिन आपदा का प्रभाव कम से कम हो और समय रहते उसका न्यूनीकरण हो यह सुनिशिचत करना जरूर सरकार के हाथों में है।
जब सरकारें अपनी उपलब्धियों का श्रेय लेने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ती हैं, तो उन्हें अपनी उन नाकामियों को भी स्वीकार करना चाहिए ।
जिसके कारण लाखों आमजन काल के गाल में समाने को मजबूर हुए।
ताकि जनता हमारी सरकारों की आमजन के कल्याण के लिए इच्छाशक्ति से भलीभांति अवगत हो सकें ।
क्योंकि सरकारें जनता के कल्याण के लिए होती हैं,
न कि जनता सरकारों की नाकामियों की सजा भुगतने के लिए।
कोरोना महामारी ने हमें हमारे देश की स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति तथा हमारी सरकारों की जनता के कल्याण के प्रति उनकी इच्छाशक्ति से भलीभांति परिचित करा दिया है।
अब समय आ गया है जब सरकारों की जनता के कल्याण के प्रति जवाबदेही तय की जाए क्योंकि जब तक सरकारों का नेतृत्व करने वाले नेताओं का मोह केवल सत्ता के लाभ तक ही सीमित रहेगा, तब तक ऐसी आपदाओं में इसी प्रकार आमजन काल के गाल में समाने को मजबूर होते रहेंगे?