कोरोना काल के चलते यूपी सरकार के मंत्री खुद कैसे खोल रहे योगी सरकार की पोल ?

रिपोर्टर:-
उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस को लेकर सरकारी दावों में कोरोना मरीजों की संख्या, अस्पताल में बेड, ऑक्सीजन को लेकर नया विवाद शुरू हो गया है।
योगी सरकार लगातार दावा कर रही है कि प्रदेश में न तो बेड की कमी है, न ही ऑक्सीजन और न ही जरूरी दवाओं की कमी है!
अभी खुद पार्टी के कुछ नेता ही इन सरकारी दावों की पोल खोल रहे हैं।
लखनऊ की मोहनलालगंज सीट से बीजेपी सांसद कौशल किशोर और यूपी श्रम कल्याण परिषद के अध्यक्ष, राज्य मंत्री सुनील भराला ने लखनऊ और मेरठ के सरकारी अस्पतालों में अच्छी व्यवस्था नही होने को लेकर सीएम योगी को पत्र भी लिखा था।
उन्होंने राजधानी लखनऊ के किंग जॉर्ज मेडिकल कॉलेज और बलरामपुर अस्पताल में अधिकारियों की लापरवाही के बारे में शिकायत की थी।
उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के बीच इन अस्पतालों में अधिकारी या तो छुट्टी पर हैं या तो कॉल नहीं उठाते?
दोनों ही अस्पताल सरकार द्वारा चलाए जा रहे हैं। और दोनों ही अस्पतालों की हालत बुरी है।
यूपी सरकार में राज्य मंत्री सुनील भराला ने मुख्यमंत्री को लिखे शिकायती पत्र में मेरठ में बेड, ऑक्सीजन और जीवन रक्षक दवाईयों की कमी के बारे में बताया।
भराला ने मुख्यमंत्री से गुहार लगाई कि कोरोना मरीजों की भलाई के लिए वह व्यक्तिगत रूप से इस मामले को देखे और जाँच करें।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को कहा कि प्रदेश में पिछले 3 दिनों में कोरोना संक्रमण के मामलों में कमी आई है।
उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण के नए मामलों में गिरावट देखी गई है।
इसके अलावा सीएम योगी ने यह भी कहा कि कोरोना मरीजों के लिए प्रदेश में न तो ऑक्सीजन की कोई कमी है और न ही दवाओं की।