देखने में पैगोडा जैसा है ये मंदिर नही बल्कि मस्जिद है

तस्वीर देखिये, एक पैगोडा दिखेगा।कोई चाइनीज मन्दिर लगता है। चाइनीज ही है,

पर मन्दिर नही, ये मस्जिद है। निंझिया में 400 से ज्यादा नई पुरानी मस्जिदें हैं।

निंझिया.. चीन का एक प्रान्त है। खासियत 36% मुस्लिम आबादी, जो चीनी कल्चर की तुलना में,मध्यपूर्व के इस्लामी कल्चर से अधिक जुड़ा है। भाषाओं में फ़ारसी और अरबी का पुट है। और ये ऑटोनोमस रीजन है, याने अपना अलग झंडा, अलग प्रशासनिक सिस्टम.. 370 समझिये।

क्या निंझिया में मस्जिदें गिराई जा रही हैं? नही
क्या उन्हें गद्दार करार दिया जा रहा है? नही।
क्या उन्हें अरबी फारसी पढ़ने से रोका जा रहा है? कतई नहीं..

इसके उलट, सरकार ने अरबी फारसी और इस्लामिक ट्रेडिशन्स को सिखाने के स्कूल खोले हैं। बाकायदा अरब के स्कॉलर्स आते हैं, पढ़ा रहे हैं, बता रहे हैं, अपना कल्चर सिखा रहे हैं। बल्कि सैंकड़ों युवा अरब वहां मैंडरिन पढ़ने आ रहे हैं।

वन बेल्ट वन रोड इनिशियेटिव 2013 में शुरू हुआ, जब हम भी अच्छे दिनों की योजनाएं बना रहे थे। सात सालों में चीन ने 36% मुस्लिम्स पॉपुलेशन को अरब वर्ल्ड में अपना राजदूत बना लिया है।

भीमकाय रोड, रेलवे और सामुद्रिक सम्पर्क कायम करने के साथ चीन ने मुस्लिम देशों से इंसानी सम्पर्क पर ध्यान दिया। चीनी मुस्लिम इस योजना का सेंट्रल पॉइंट थे। अरब दुनिया के लिए सबसे बड़ा बाजार काम्प्लेक्स निंझिया में खोला। अरबी उपयोग का सस्ता सामान भर दिया, बिजनेस मीट की, इन्वेस्टमेंट समिट किये, छोटे बड़े व्यापारियों को सीधा आना जाना, सप्लाई औऱ पेमेंट के सिस्टम खड़े किए।

कोई भी अरब देश का बन्दा निंजिया पहुचे उसे, अपने देश का खाना, अपनी भाषा वाले व्यापारी, एजेंट, कल्चर मिलेगा।छोटी आंख वालों को अरबी बोलते देखना उसे अजीब लग सकता है, पर इससे बिजनेस कतई इफेक्ट नहीं होता।

1980 तक बेहद गरीब निंजिया आज वही है जो भारत के व्यापारिक जगत के लिए मुंबई है। और ऐसे कई मुम्बई खड़े हो गए हैं, जो दुनिया के अलग अलग इलाकों को डील करते हैं। निंजिया के जिम्मे अरब जगत है।

पाकिस्तान से लेकर इजिप्ट, अफ्रीका से लेकर इंडोनेशिया 40 से ज्यादा छोटे बड़े मुस्लिम देश हर जरूरत का समान खरीद रहे हैं। इलेक्ट्रॉनिक सामान और दूसरी चीजे तो खैर हैं ही, गोल टोपी, कुरान की आयतों वाले पेटिंग, नमाज की चटाई भी चीन बना रहा है, विद परफेक्शन। ये सामान व्यापारी अपने देश मे ले जाकर बेचते हैं, और लोकली मेड बताते हैं।

चीन में मुस्लिम्स की अवस्था पर वीगर मुसलमानों पर उनके अत्याचार के किस्से ही याद आते हैं। सच है चीन शिनजियांग के वीगर के पोलिटीकल डिसिडेंस को कठोरता से डील करता है। पर लोकल मसला,लोकल ही है। पूरे चीन में मुस्लिम्स के खिलाफ माहौल बनाने से परहेज किया है।

नतीजा,भारत की जीडीपी के बराबर व्यापार, अकेले निंजिया कर रहा है। कहिये, निंजिया के मुस्लिम्स अपने देश चीन के लिए कर रहे हैं। भारत मे भी हम अपनी गोल्डमाइन को ब्लेम करने, और पाकिस्तान भेजने पर आतुर रहते हैं। चीन की तरफ देखकर शिनजियांग बनाना चाहते हैं।

लेकिन अहम ये है कि उन्हें निंझिया बनाने में फेल रहे हैं।

-Manish Singh

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