बागपत, 06 सितंबर 2024 – जल संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सूरत, गुजरात से ‘जल संचय और जन भागीदारी अभियान’ का वर्चुअल शुभारंभ किया। बागपत कलेक्ट्रेट स्थित राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (एनआईसी) में इस अभियान का लाइव प्रसारण देखा गया, जहां जिले के अधिकारी, युवा स्वयंसेवक और अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे। प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में जल संरक्षण को भविष्य के लिए अनिवार्य बताते हुए कहा, “जल संकट से बचने का एकमात्र रास्ता है – जन जागरूकता और सामूहिक प्रयास।”
कार्यक्रम के बाद, मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) नीरज कुमार श्रीवास्तव ने ‘कैच द रेन’ अभियान के तीसरे चरण में अग्रणी भूमिका निभाने वाले बागपत के युवा स्वयंसेवकों से संवाद किया। उन्होंने युवाओं से उनके अनुभव और अभियान की सफलता को लेकर उनके विचार सुने। सीडीओ ने कहा, “युवाओं का जोश और समर्पण किसी भी अभियान की रीढ़ होते हैं। आपके प्रयासों से ही यह अभियान इस स्तर तक पहुंचा है।”
इस दौरान, त्योढी के युवा स्वयंसेवक अमन कुमार ने सुझाव दिया कि अभियान की व्यापक सफलता के लिए हर गांव और कस्बे में युवा और महिला एंबेसडर नियुक्त किए जाएं, ताकि स्थानीय स्तर पर जागरूकता और सहभागिता बढ़ सके। उन्होंने कहा, “अगर हर गांव में एक एंबेसडर होगा, तो लोगों में जिम्मेदारी का एहसास होगा और वे जल संरक्षण के प्रति गंभीरता से कदम उठाएंगे।” स्वयंसेवक शादाब अली ने अभियान से जुड़े युवाओं को हर चरण की सफलता पर प्रोत्साहन देने का सुझाव दिया, ताकि उनका उत्साह बना रहे और वे दूसरों को भी प्रेरित कर सकें।
इस अवसर पर अधिशासी अभियंता जल निगम अमित कुमार, अटल भूजल अभियान के सहायक अभियंता सर्वेश कुमार और नेहरू युवा केंद्र की आंचल श्योराण ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई और जल संरक्षण के प्रयासों पर विचार-विमर्श किया। संवाद और अनुभव साझा करने के सत्र ने यह स्पष्ट किया कि बागपत के युवा जल संरक्षण के प्रति पूरी तरह समर्पित हैं और अपने उत्साह और योगदान से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने को तैयार हैं।