बागपत, 20 सितंबर 2024 — उत्तर प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा भूकंप एवं अग्नि सुरक्षा के प्रति जागरूकता और आपदा प्रबंधन क्षमताओं को परखने के लिए राज्यभर में मॉक एक्सरसाइज का आयोजन किया जा रहा है। इसी क्रम में नोडल अधिकारी अपर जिलाधिकारी (वि/रा) पंकज वर्मा के नेतृत्व में आज बागपत जिले में मॉक एक्सरसाइज का सफल संचालन हुआ। इस मॉक ड्रिल का उद्देश्य जिले की आपदा प्रबंधन योजना की समीक्षा, विभिन्न विभागों की विभागीय योजनाओं का मूल्यांकन, और आपातकालीन प्रतिक्रिया तंत्र की उपयोगिता को सुदृढ़ करना था। मॉक एक्सरसाइज की शुरुआत लखनऊ स्थित मुख्य आपदा प्रबंधन केंद्र से सुबह 11:00 बजे भूकंप की चेतावनी के प्रसारण से हुई। बागपत में भूकंप की आपदा की सूचना मिलते ही अपर जिलाधिकारी (वि/रा) पंकज वर्मा ने जिले की इंसीडेंट रिस्पॉन्स टीम को सक्रिय किया। विकास भवन से मिली सूचना के अनुसार, भूकंप के बाद डीआरडीए बिल्डिंग में आग लगने और कुछ लोगों के फंसे होने की खबर आई। इस आपात स्थिति को देखते हुए तत्काल राहत कार्य शुरू किया गया।
रेस्क्यू टीम ने तुरंत घटनास्थल पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया। अग्निशमन विभाग ने बिल्डिंग में लगी आग को बुझाने के लिए पानी के फव्वारे और फोम का इस्तेमाल किया। सीढ़ियों का उपयोग कर बिल्डिंग में फंसे लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला गया। घायलों को प्राथमिक उपचार देकर एम्बुलेंस की सहायता से अस्थाई फील्ड अस्पताल में भेजा गया, जो नजदीकी मैदान में स्थापित किया गया था। रेस्क्यू टीम ने अंदर जाकर आग से प्रभावित हिस्सों की जांच की और वहां फंसे लोगों को ढूंढकर सुरक्षित बाहर निकाला। बिल्डिंग के अंदर भारी धुआं होने के कारण ‘स्मोक एक्ज़हॉस्टर’ का इस्तेमाल किया गया, जिससे धुएं को बाहर निकाला जा सका और राहत कार्य तेज़ी से आगे बढ़ा।
घायलों के इलाज के लिए पहले से तैयार अस्थाई फील्ड अस्पताल में चिकित्सकीय टीम तैनात थी। डॉक्टरों की टीम, जिसमें चिकित्सक, फार्मासिस्ट, स्टाफ नर्स, और अन्य स्वास्थ्यकर्मी शामिल थे, तुरंत राहत के लिए सक्रिय हो गए। अग्नि से झुलसे हुए छह लोगों में से चार को मौके पर ही प्राथमिक उपचार देकर छुट्टी दी गई, जबकि दो लोगों को अस्पताल में भर्ती किया गया। भूकंप के मलबे में दबे 14 लोगों को भी रेस्क्यू कर बाहर निकाला गया, जिनमें से छह को प्राथमिक उपचार के बाद घर भेजा गया और शेष आठ लोगों को गंभीर चोटों की आशंका के चलते अस्पताल में भर्ती कराया गया।
मॉक एक्सरसाइज के दौरान यूथ लीडर अमन कुमार के नेतृत्व में नेहरू युवा केंद्र, मेरा युवा भारत, एनसीसी, युवक मंगल दल, उड़ान यूथ क्लब, और आपदा मित्र के स्वयंसेवकों ने अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इन संगठनों के स्वयंसेवकों ने राहत और बचाव कार्य में सहयोग कर आपदा प्रबंधन के प्रति अपनी जागरूकता और प्रतिबद्धता को दर्शाया। उन्होंने राहत शिविरों में घायलों की मदद की, बचाव कार्यों में शामिल टीमों के साथ मिलकर काम किया, और आपदा के दौरान लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने में मदद की। इस मॉक एक्सरसाइज के दौरान आए विशेषज्ञों में एनडीआरएफ (गाज़ियाबाद) से श्रीकांत महाली और एसडीआरएफ (लखनऊ) से बृजेश सिंह और अमरकांत ने भी संचालन की निगरानी की और स्थानीय टीमों को जरूरी मार्गदर्शन दिया। इन विशेषज्ञों ने जिले के आपदा प्रबंधन तंत्र की क्षमता का आकलन किया और राहत कार्यों में आ रही समस्याओं को चिह्नित कर उनका समाधान सुझाया। उन्होंने घटना प्रतिक्रिया प्रणाली (इंसीडेंट रिस्पांस सिस्टम) के तहत प्रत्येक विभाग की भूमिकाओं और जिम्मेदारियों का परीक्षण किया, जिससे आपदा प्रबंधन योजनाओं की समीक्षा हो सके।
पूरी ड्रिल के दौरान जिले में आपदा प्रबंधन से संबंधित उपकरणों और सुविधाओं का प्रदर्शन किया गया। अग्निशमन सेवाओं, चिकित्सा सहायता, संचार साधनों, और अन्य आवश्यक संसाधनों का भी आकलन किया गया ताकि भविष्य में किसी भी आपात स्थिति में त्वरित और प्रभावी प्रतिक्रिया दी जा सके। विभिन्न विभागों के बीच समन्वय और संचार को बेहतर बनाने के लिए विशेष प्रयास किए गए, ताकि आपदा के समय में कोई देरी न हो और सभी विभाग मिलकर काम कर सकें। इस मॉक एक्सरसाइज का मुख्य उद्देश्य जिले की आपदा प्रबंधन योजना की समीक्षा करना था, ताकि इसमें किसी भी प्रकार की खामियों को पहचाना जा सके और उन्हें सुधारा जा सके। इस दौरान अपर जिलाधिकारी (वि/रा) पंकज वर्मा ने स्वयं सभी व्यवस्थाओं को बारीकी से देखा और अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि मॉक एक्सरसाइज के माध्यम से मिली सीखों के आधार पर आपदा प्रबंधन में सुधार की दिशा में आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।
इस आयोजन का एक अन्य महत्वपूर्ण उद्देश्य विभिन्न हितधारकों के बीच समन्वय स्थापित करना था, ताकि आपातकालीन स्थिति में सभी विभागों के बीच तालमेल बना रहे और किसी भी तरह की कमी या असहमति से बचा जा सके। इसके अलावा, सभी संचार साधनों और उपकरणों की कार्यक्षमता का भी मूल्यांकन किया गया और उनमें परिलक्षित कमियों को दूर करने की योजना बनाई गई। मॉक एक्सरसाइज के दौरान जागरूकता फैलाने के लिए विभिन्न स्थानों पर पोस्टर और बैनर लगाए गए। इनमें आपदा प्रबंधन से संबंधित जानकारी, आपातकालीन सहायता नंबर, और बचाव के उपाय बताए गए थे। इससे आम नागरिकों में जागरूकता बढ़ी और उन्होंने आपदा प्रबंधन के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को बेहतर ढंग से समझा।
इस मॉक एक्सरसाइज के सफल संचालन ने बागपत जिले की आपदा प्रबंधन क्षमता को और मजबूत करने में अहम भूमिका निभाई। इसमें न केवल आपदा से बचाव और राहत कार्यों की समीक्षा की गई, बल्कि भविष्य में संभावित आपदाओं से निपटने के लिए रणनीतियों का भी पुनर्मूल्यांकन किया गया। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की निगरानी में आयोजित इस ड्रिल से जिले के अधिकारियों और स्वयंसेवकों को आपदा प्रबंधन के महत्व को समझने और इसमें सक्रिय भूमिका निभाने का अवसर मिला। स्वास्थ्य विभाग के नोडल डॉ विभाष राजपूत, अग्निशमन नोडल सीएफओ अमरेंद्र प्रताप ने आपात सुविधाओं के लिए समन्वय किया।
इस सफल मॉक एक्सरसाइज के बाद उम्मीद है कि जिले की आपदा प्रबंधन प्रणाली और अधिक प्रभावी हो जाएगी और किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए बेहतर रूप से तैयार रहेगी। इस अवसर पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर तीरथ लाल ,एसडीएम खेकड़ा ,ज्योति शर्मा ,एसडीएम बागपत अविनाश त्रिपाठी डिप्टी कलेक्टर निकेत वर्मा, जिला विद्यालय निरीक्षक धर्मेंद्र सक्सेना, वरिष्ठ कोषाधिकारी मनीष कुमार सिंह, मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर अरविंद कुमार त्रिपाठी, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर एस के चौधरी पब्लिक हेल्थ एक्सपर्ट डॉक्टर सुरची शर्मा, जिला विकास अधिकारी अखिलेश कुमार चौबे सहित समस्त जनपद स्तरीय अधिकारी आदि उपस्थित रहे।