उड़ान यूथ क्लब ने दिग्विजय दिवस पर नई पहल की, स्वामी विवेकानंद के विचारों को जीवंत बनाने का प्रयास

Responsible Citizenship & Unity Quiz on Digvijay Diwas [Online; With Certificate; Open for All]: Participate by Sept 11Responsible Citizenship & Unity Quiz on Digvijay Diwas [Online; With Certificate; Open for All]: Participate by Sept 11

बागपत। नेहरू युवा केन्द्र बागपत से संबद्ध उड़ान यूथ क्लब ने इस वर्ष दिग्विजय दिवस के अवसर पर एक अनूठी और प्रेरणादायक पहल की शुरुआत की है। यह पहल न केवल स्वामी विवेकानंद के ऐतिहासिक योगदान को याद करती है, बल्कि उनके विचारों को आज के सामाजिक और राष्ट्रीय संदर्भ में जीवंत बनाने का भी प्रयास करती है।

स्वामी विवेकानंद ने 11 सितंबर 1893 को शिकागो की विश्व धर्म संसद में अपने ओजस्वी भाषण से न केवल भारत की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक धरोहर को वैश्विक मंच पर प्रस्तुत किया, बल्कि उन्होंने विश्व भर के लोगों के दिलों में भारत की सहिष्णुता और एकता के संदेश को प्रखरता से स्थापित किया। यह भाषण आज भी एक प्रेरणा का स्रोत है, और इसे नई पीढ़ी तक पहुंचाना हमारा नैतिक दायित्व है।

Udaan Youth Club Official Emblem
Udaan Youth Club Official Emblem

इस दिशा में उड़ान यूथ क्लब ने “जिम्मेदार नागरिकता एवं एकजुटता” विषय पर एक ऑनलाइन प्रश्नोत्तरी की शुरुआत की है, जिसमें सभी आयु वर्ग के लोग भाग ले सकते हैं। इस प्रश्नोत्तरी के माध्यम से न केवल स्वामी विवेकानंद के विचारों की व्यापकता को समझने का मौका मिलेगा, बल्कि नागरिक कर्तव्यों और राष्ट्रीय एकता के महत्व को भी गहराई से जानने का अवसर प्राप्त होगा। प्रश्नोत्तरी में सफल होने वाले प्रतिभागियों को डिजिटल प्रमाण पत्र प्रदान किया जाएगा, जो उनके ज्ञान और समझ का प्रमाण होगा। इसके अतिरिक्त, उन्हें स्वामी विवेकानंद के विचारों पर लेख लिखने का आमंत्रण भी दिया जाएगा, जिसे क्लब की आधिकारिक वेबसाइट पर प्रकाशित किया जाएगा।

उड़ान यूथ क्लब के अध्यक्ष अमन कुमार ने इस पहल का नेतृत्व करते हुए कहा, “स्वामी विवेकानंद का जीवन और उनके विचार हमें प्रेरित करते हैं कि हम समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए अपनी भूमिका निभाएं। इस पहल का उद्देश्य युवाओं को जागरूक करना और उन्हें राष्ट्र निर्माण की दिशा में सक्रिय योगदान देने के लिए प्रेरित करना है।”

इसके साथ ही, उड़ान यूथ क्लब ने विभिन्न संगठनों और स्वयंसेवकों को भी इस पहल में शामिल होने का न्योता दिया है। जिन संगठनों के माध्यम से 100 से अधिक प्रतिभागी इस प्रश्नोत्तरी में हिस्सा लेंगे, उन्हें विशेष प्रमाण पत्र से सम्मानित किया जाएगा। यह पहल न केवल स्वामी विवेकानंद की विरासत को सम्मानित करती है, बल्कि उनके विचारों को नई पीढ़ी तक पहुंचाने का भी सशक्त माध्यम है।

SHARE THIS

RELATED ARTICLES

LEAVE COMMENT