बागपत के युवा अमन कुमार के जैव विविधता संरक्षण के प्रयासों को यूएनईपी और ऑक्सफोर्ड ने सराहा।
बड़ौत, 01 सितंबर 2024 — जब बात पर्यावरण संरक्षण की आती है, तो ट्यौढी गांव के युवा अमन कुमार का नाम उभरकर सामने आता है। इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (इग्नू) से समाज कार्य की पढ़ाई कर रहे अमन ने अपने ज्ञान और सक्रियता का इस्तेमाल करके न केवल अपने गांव, बल्कि पूरे देश और विश्व स्तर पर पर्यावरण संरक्षण के लिए उल्लेखनीय योगदान दिया है।
अमन कुमार का जुड़ाव सिर्फ पढ़ाई तक सीमित नहीं रहा है; वह नेचर पॉजिटिव यूनिवर्सिटीज एलायंस जैसी वैश्विक पहल से लेकर मिशन लाइफ (पर्यावरण अनुकूल जीवनशैली) और उड़ान यूथ क्लब जैसे स्थानीय अभियानों तक सक्रिय रहे हैं। उनकी इन गतिविधियों ने उन्हें यूनिवर्सिटी ऑफ ऑक्सफोर्ड और अन्य अंतरराष्ट्रीय संस्थानों से पहचान दिलाई है।
नेचर पॉजिटिव यूनिवर्सिटीज एलायंस: एक वैश्विक पहल
नेचर पॉजिटिव यूनिवर्सिटीज एलायंस, संयुक्त राष्ट्र के “पारिस्थितिकी तंत्र बहाली के दशक” (2021-2030) के तहत शुरू किया गया एक महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट है। इसका उद्देश्य विश्वभर के विश्वविद्यालयों को जैव विविधता संरक्षण और पारिस्थितिकी तंत्र की बहाली के लिए प्रेरित करना है। अमन कुमार को इस पहल के तहत “स्टूडेंट एंबेसडर” के रूप में चुना गया, जिसमें उन्होंने इग्नू के मिशन लाइफ संबंधी गतिविधियों में सक्रिय योगदान दिया। इस दौरान उन्होंने भोपाल क्षेत्रीय केंद्र द्वारा आयोजित वेबिनार में अपने विचार साझा किए और पर्यावरण अनुकूल जीवनशैली को अपनाने के महत्व पर जोर दिया।
उड़ान यूथ क्लब और जन जागरूकता अभियानों में सक्रियता
अमन कुमार ने नेहरू युवा केंद्र बागपत से संबद्ध उड़ान यूथ क्लब के माध्यम से नदियों को पत्र लेखन अभियान और डियर मदर नेचर पोस्टकार्ड लेखन अभियान जैसे कार्यक्रमों का आयोजन किया, जो पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए थे। इन अभियानों ने स्थानीय और राष्ट्रीय स्तर पर काफी प्रभाव डाला। अमन ने न केवल अपने गांव बल्कि पूरे क्षेत्र में पर्यावरण संरक्षण के लिए एक प्रेरणा स्रोत के रूप में अपनी पहचान बनाई है।
अंतरराष्ट्रीय मंच पर अमन का योगदान
अमन कुमार का योगदान सिर्फ भारत तक सीमित नहीं रहा है। वह यूएनएफसीसीसी योंगो, सीबीडी ग्लोबल यूथ बायो डायवर्सिटी नेटवर्क, यूनिसेफ यू रिपोर्ट इंडिया जैसे महत्वपूर्ण युवा पर्यावरण एक्टिविस्ट समूहों के सदस्य हैं। उन्होंने कॉप 28 कांफ्रेंस के एजेंडा बिंदु पर अपनी राय व्यक्त की और एल कोय कांफ्रेंस में भारत का प्रतिनिधित्व किया। इसके अलावा, अमन हंड्रेड संस्थान के एडवाइजर भी रह चुके हैं, जहां उन्होंने पर्यावरण शिक्षा को बढ़ावा देने वाले शैक्षिक प्रोजेक्ट्स में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
अमन कुमार की प्रेरक कहानी
अमन कुमार का यह सफर दर्शाता है कि कैसे एक युवा अपने ज्ञान, कौशल और प्रतिबद्धता के बल पर पर्यावरण संरक्षण में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। उनकी गतिविधियों और अभियानों ने उन्हें न केवल स्थानीय और राष्ट्रीय स्तर पर, बल्कि अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भी सम्मान और पहचान दिलाई है। अमन की यह यात्रा एक प्रेरणा है उन सभी युवाओं के लिए जो समाज और पर्यावरण में सकारात्मक बदलाव लाने का सपना देखते हैं।