गाँव से ग्लोबल मंच तक की उड़ान, बागपत के युवा को मिलेगा स्वामी विवेकानंद यूथ अवार्ड
बागपत, 14 अक्टूबर 2024 – बागपत के छोटे से गाँव ट्यौढी से निकलकर अमन कुमार ने वो कर दिखाया है जो हर युवा का सपना होता है—अपने काम और जुनून से दुनिया में अपनी अलग पहचान बनाना। 22 वर्षीय अमन कुमार को अब उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा सर्वोच्च युवा पुरस्कार स्वामी विवेकानंद यूथ अवार्ड से सम्मानित किया जाएगा। यह सम्मान बागपत के लिए गर्व का विषय है, क्योंकि यह पहली बार है जब इस क्षेत्र से किसी युवा को यह प्रतिष्ठित सम्मान प्राप्त हो रहा है।
लखनऊ में आयोजित एक विशेष समारोह में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अमन को इस पुरस्कार से सम्मानित करेंगे। इस पुरस्कार के साथ अमन को 50,000 रुपये की नकद राशि, स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा, पदक, अंगवस्त्र, और प्रमाण पत्र मिलेगा। यह सम्मान अमन के लिए एक और मील का पत्थर है, लेकिन यह सिर्फ उनकी कहानी की शुरुआत है—जो युवा शक्ति, आत्मविश्वास, और कठिन परिश्रम की जीती जागती मिसाल है।
अमन का सफर: तकनीक और समाज सेवा के संगम से बना एक अनूठा मार्ग
अमन कुमार का सफर 2022 में तब शुरू हुआ जब उन्होंने नेहरू युवा केंद्र और जिला प्रशासन के साथ मिलकर ‘कांवड़ यात्रा एप’ का विकास किया। इस एप ने 3 लाख से अधिक कांवड़ियों को उनकी यात्रा के दौरान मार्गदर्शन दिया, जिससे अमन की पहचान जिला स्तर पर बढ़ने लगी। इसके बाद अमन ने कई डिजिटल परियोजनाओं पर काम किया, जिनमें लोकसभा चुनाव 2024 और नगर निकाय चुनाव के लिए बनाए गए ‘स्वीप बागपत एप’ प्रमुख हैं। इस एप ने वोटरों को मतदान प्रक्रिया की जानकारी दी और उन्हें मतदान के लिए प्रोत्साहित किया। लेकिन अमन का सफर यहीं नहीं रुका। उन्होंने अपनी डिजिटल दक्षता और समाज के प्रति अपने समर्पण को मिलाकर ग्रामीण भारत के लिए कई नवाचार किए।
शिक्षा के क्षेत्र में अंतर्राष्ट्रीय पहचान
अमन कुमार ने तकनीक के साथ शिक्षा के क्षेत्र में भी अपनी पहचान बनाई है। वह ‘हंड्रेड ग्लोबल’ नामक अंतर्राष्ट्रीय संस्था के एडवाइजरी बोर्ड में शामिल हैं, जहाँ वे भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए शिक्षा के क्षेत्र में नवाचारों को बढ़ावा दे रहे हैं। उनके नेतृत्व में, भारत के कई ग्रामीण छात्रों को नए शैक्षिक अवसर और संसाधन उपलब्ध कराए गए हैं। इसके अलावा, अमन को ‘इंडियाज मोस्ट वैल्यूएबल यू रिपोर्टर’ अवार्ड से भी सम्मानित किया जा चुका है, जो उन्होंने यूनिसेफ के साथ काम करते हुए हासिल किया। यह अवार्ड उन्हें उन युवाओं के बीच शिक्षा और जागरूकता फैलाने के लिए मिला, जिन्हें अमन ने डिजिटल माध्यमों के ज़रिए सशक्त किया।
पर्यावरण संरक्षण में योगदान
अमन कुमार केवल तकनीक और शिक्षा तक सीमित नहीं रहे। उन्होंने पर्यावरण संरक्षण में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया है। ‘चूज लाइफ’ नामक उनकी पुस्तक, जलवायु परिवर्तन और जैव विविधता पर केंद्रित है, जिसे वैश्विक स्तर पर सराहा गया है। अमन ने जलवायु के मुद्दों पर युवाओं को जागरूक करने के लिए ‘क्लाइमेट कार्डिनल्स साउथ एशिया चैप्टर’ के कोऑर्डिनेटर के रूप में काम किया है। उन्होंने पर्यावरणीय चुनौतियों का सामना करने के लिए युवाओं को प्रेरित किया और वैश्विक मंचों पर इन मुद्दों को उठाया।
उड़ान यूथ क्लब और ग्रामीण युवाओं का सशक्तिकरण
अमन कुमार ने अपनी जड़ों को कभी नहीं भुलाया। अपने गाँव और क्षेत्र की तरक्की के लिए उन्होंने ‘उड़ान यूथ क्लब’ की स्थापना की, जिसका मकसद ग्रामीण युवाओं के विकास और सशक्तिकरण के लिए काम करना है। इस क्लब के तहत, अमन ने ‘प्रोजेक्ट कॉन्टेस्ट 360’ की शुरुआत की, जो भारत के 81 लाख से अधिक युवाओं को एक क्लिक पर शैक्षिक और कैरियर संबंधी अवसरों की जानकारी उपलब्ध कराता है। यह पहल ग्रामीण युवाओं के लिए एक गेम चेंजर साबित हुई, जिन्होंने इससे लाभ उठाकर अपनी जिंदगी को नई दिशा दी।
प्रेरक नेतृत्व और समाज सेवा का संगम
अमन की यात्रा न केवल उनकी व्यक्तिगत सफलता की कहानी है, बल्कि एक ऐसा प्रेरणादायक उदाहरण है जो यह साबित करता है कि जब जुनून और सेवा का संगम होता है, तो सीमाओं का कोई मतलब नहीं रह जाता। उन्होंने समाज सेवा और तकनीकी नवाचारों को मिलाकर कई ऐसे काम किए हैं, जो उन्हें एक प्रेरणादायक युवा नेता बनाते हैं। अमन कुमार का जीवन स्वामी विवेकानंद से प्रेरित है। वह प्रतिदिन स्वामी विवेकानंद की शिक्षाओं का पालन करते हैं और समाज के प्रति अपने दायित्वों को निभाते हैं। अमन ने स्वामी विवेकानंद के आदर्शों को अपने जीवन में उतारते हुए समाज सेवा को अपना धर्म बनाया है।
सम्मान और उपलब्धियाँ
अमन कुमार को उनके योगदान के लिए कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कारों से नवाजा गया है, जिनमें शामिल हैं:
- चेंजिंग चॉक्स अवार्ड (ऋषिहुड यूनिवर्सिटी)
- इंडियाज मोस्ट वैल्यूएबल यू रिपोर्टर अवार्ड (यूनिसेफ इंडिया)
- शिक्षा रत्न सम्मान (पृथ्वी अभ्युदय एसोसिएशन इंडिया)
- एजुकेशन एक्सीलेंस अवार्ड (सिंघानिया ग्रुप)
- एंपावर्ड अवार्ड (एजुक्लाउड्स)
और अब, उन्हें स्वामी विवेकानंद यूथ अवार्ड से सम्मानित किया जा रहा है, जो उनकी मेहनत, संकल्प और समाज सेवा का साक्षी है।
अमन का संदेश: “सपने देखो, मेहनत करो और समाज के लिए जियो”
अमन कुमार का जीवन हर युवा के लिए एक प्रेरणा है। उन्होंने यह साबित कर दिया कि सीमित संसाधनों के बावजूद, यदि आप में जज़्बा और मेहनत करने का संकल्प है, तो सफलता आपके कदम चूमेगी। अमन ने अपने गाँव से निकलकर राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर अपनी पहचान बनाई, और वह अब उन लाखों युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत बन चुके हैं, जो अपने सपनों को पूरा करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। आज, अमन का नाम बागपत के हर घर में गर्व से लिया जाता है। उनका यह सफर सिर्फ उनकी नहीं, बल्कि उन सभी युवाओं की कहानी है, जो अपने सपनों को साकार करने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं। अमन कुमार का संदेश स्पष्ट है: “सपने देखो, मेहनत करो और समाज के लिए जियो। यही सफलता का असली मंत्र है।”