अंग्रेजी तारीख 25 जनवरी है,उर्दू की तारीख 13रज्जब है आज ही के सुनहरे दिन हैदरे कर्रार हजरत अली मुर्तुजा शेरे खुदा R A की यौम ए पैदाइश की सारे जग में मची है धूम
13 रजब यौम ए पैदाइश हज़रत अली मुर्तज़ा रज़ि
अमीरुल मोमिनीन हजरत अली मुर्तज़ा रज़ि वो इस्लाम का चमकता सितारा हैं जिसकी बहादुरी और शुजा’अत शहर ओ आफाक़ है ,अरब और अज़्म मे आपकी कुव्वत ए बाज़ू के सिक्के बैठे हुए हैं, आप के रौब और दबदबे से बड़े – बड़े पहलवानो के दिल कापं जाते थे।
हजरत अली रज़ि की वो ज़ात ए गिरामी है जो बहुत से कमाल और खुबियों की जामेए है ,आप शेर ए खुदा भी है , दामाद ए मुस्तुफा सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम भी है , हैदर ए कर्रार भी है , और साहिब ए ज़ुल्फिकार भी है। हजरत फात्मा ज़हरा के शौहर नामदार भी है , हसनैन करीमैन के वालिद बुजुर्गवार भी है , आप जोहद ओ तक़वा के आला मक़ाम पर हैं। साहिब ए सख़ावत भी , साहिब ए शुजाअत भी , इबादत और रियाज़त वाले भी ,फसाहत और बलाग़त वाले भी , इल्म के पैकर और फातेह खैबर भी हैं।
अली बिन अबि तालिब रज़ि , की कुन्नियत अबुल हसन और अबु तुराब है , आप सरकार ए दो आलम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के चचा अबु तालिब के सहाबज़ादे है , आपकी वालिदा फात्मा बिन्ते असद बिन हाशिम हैं और आपकी वालदा पहली हाशमी खातून है। जिन्होंने इस्लाम कबूल़ किया और हिजरत भी फरमाई ।
आप 30 वाक्या ए फील मे पैदा हुए , सबसे कम उम्र मे मुर्शफ बा इस्लाम हुए। आपकी परवरिश हुजूर सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने की , लकब आपका असदउल्ला , हैदर , और मुर्तुज़ा है ।
आप रज़ि चौथे खलीफ़ा है आपकी तलवार का नाम ज़ुल्फिकार है। जो रसूलुल्लाह की तलवार थी। आपकी खिलाफत 4 बरस , 8 माह , नौ दिन , तक रही
आपकी उम्र 63 बरस की हुई, आपको एक बदबख्त खारजी जिसका नाम अब्दुरर्हमान बिन मुलजिम था, जिसने धोखे से 17 – 21, 40 हि०, रमजान मे आप को शहीद कर दिया था।
बता दें कि हजरत हसन रज़ि, हजरत हुसैन रज़ि, और हजरत अब्दुल्ला बिन जाफर , रज़ि ने आपको गुस्ल दिया , और आपकी नमाज ए जनाज़ा हजरत इमाम हसन रज़ि ने पढ़ाई ।
आपके 15 सहाबजादे , और 17 सहाबजादियां थी , आपकी नौ बिविया थीं।
खैर अपके बच्चों की तादाद में इख्तिलाफ है।
आपकी यौम ए पैदाइश की खुशी में एमडी न्यूज की जानिब सभी को दिली मुबारकबाद। अल्लाह करे ऐसा सुहाना पल सबको नसीब फरमाए ,सलामती खैर हो सब के लिए।आमीन
संवाद,=मोहमद अफजल इलाहाबाद