आदम खोर टाईगर को मारकर कई लोगों की जान बचाने वाले शेर अब पुलिस सेवा में और हमारे बीच नहीं रहे !

राजस्थान
संवाददाता

आदमखोर टाइगर को मारकर लोगों की जान बचाने वाले सेवा निवृत्त पुलिस सेवा में रहे जिनका नाम टाइगर लाल मोहम्मद है जिन का कल आकस्मिक निधन हो गया इन्ना लिल्लाह वा इन्ना इलयही राजिउन, उनकी मगफिरत के लिये सोयम की फातिहा ख्वानी स्टेशन महात्मा गांधी कोलोनी के पास स्थित लोको नूरी जामा मस्जिद में 24 जनवरी बुधवार सुबह 8 बजे रखी गयी है,

राजस्थान वक़्फ़ विकास परिषद के उपाध्यक्ष सदस्य प्रदेश कोंग्रेस कमेटी डॉक्टर इकराम के वालिद , लाल मोहम्मद मिर्धा पुलिस महकमे में बहादुरी , सूक्ष्म अनुसन्धान मामले में पृथक पहचान रखते हैं, लाल मोहम्मद इटावा तैनातगी के वक़्त श्योपुर से 45 से भी अधिक हत्या डकैती के खूंखार आरोपी डकैत महावीर के नाम से विख्यात डकैत को जब श्योपुर से ला रहे थे, तो अचानक डकैत गैंग ने ताबड़तोड़ फायरिंग के साथ हमलाकर, डकैत महावीर को छुड़ाने का प्रयास किया, डकैत महावीर फायरिंग करते हुए छूट कर भागने लगा , पुलिस टीम में घबराहट थी, लेकिन लाल मोहम्मद मिर्धा ने , महावीर डकैत को फिर धर दबोचा ओर जेल की सींखचों के पीछे पहुंचाया।

इसी तरह हरनावदा शाहज़िया थाने पर तैनातगी के वक्त , एक आदमखोर शेर जंगल से बस्ती में फिर आम सड़क पर घुस आया लोगों पर हिंसक हमलावर हो गया। सैकड़ों ग्राम वासियों की जान को खतरा था, दो लोग आदमखोर के हिंसक जबड़े के शिकार हो चुके थे। ग्रामीणों में अफरा तफरीह, खोफ का माहौल था।
तब लाल मोहम्मद जी ने बहादुरी दिखाई। एक बस मंगवाई बस को पैक किया और बस में दो तीन जांबाज़ पुलिस कर्मियों को राइफल के साथ बिठाकर , खुद ने अपनी 12 बोर बन्दूक गोली वाले कारतूसों के साथ उठाई और बस में बैठकर आदमखोर शेर को जा घेरा।

इसे देख आदम खोर शेर ने बस पर हमला बोल दिया , कांच तोड़ दिए , 12 बोर बन्दूक दो नाली के दो कारतूसों के चलने के बाद भी शेर हिंसक बना रहा , आखिर में लाल मोहम्मद जी ने शेर के सर पर गोली दाग़ी, ओर शेर आखिर धड़ाम से नीचे गिर गया।, शेर की मौत के बाद भी लोग सहमे हुए थे। अफरा तफरीह मची हुई थी। इसी बीच वन्य जीव अधिनियम का उलंघन कर शेर को मारने के आरोप में लाल मोहम्मद को निलंबित कर दिया गया।

ग्रामवासियों में लोगों की जान बचाने वाले जांबाज़ पुलिस कर्मी को इनाम देने की जगह निलम्बन कार्यवाही से रोष व्याप्त था, तात्कालिक प्रधान स्वर्गीय तेजराज सिंह ने ग्रामवासियों के साथ धरना दिया । प्रशासन से जवाब मांगा, कि आदमखोर शेर जब लोगों को मारकर खा रहा है, घायल कर रहा है , हमलावर हो गया है, तो उससे लोगों को कैसे बचाया जा सकता था? आखिर जीत हुई , जांबाज़ लाल मोहम्मद मिर्धा को आरोप मुक्त कर फिर से वहीं नियुक्त किया गया।

बताते चलें कि लाल मोहम्मद मिर्धा साहब 80 वर्ष की आयु में भी नियमित मॉर्निंग वॉक करते थे, सभी काम करते थे, 22 जनवरी को अचानक वोह गिरे , उन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्हें बेजान घोषित कर दिया गया। अल्लाह मगफिरत फरमाए, परिजनों को सब्र अता फरमाए, मरहूम को जन्नत का हकदार बनाए आमीन

संवाद
अख़्तर खान

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