इस मुल्क की जामा मस्जिद के दरवाजों पर साया नजर आता है, ये कोई चमत्कार नहीं,बल्कि इस मस्जिद को वैज्ञानिकों द्वारा इस तरह बनाया गया है कि धूप में भी मस्जिद पर अलग अलग तरह के साए बनते है!

वरिष्ठ पत्रकार

तुर्की के सिवास की जामा मस्जिद है जिसके दरवाजों पर साया नज़र आता है. दरअसल ये कोई चमत्कार नहीं है बल्कि ये मस्जिद इस तरह बनाई गई है कि धूप से मस्जिद पर अलग अलग तरह के साये बनते हैं।

बता दें कि इस मस्जिद की तामीर 1228 में सलजूक़ अमीर अहमद शाह ने करवाई थी। मस्जिद बनाने से पहले दो साल तक सूरज और तारों की पोजीशन का मुआयना किया गया, और उस से नतीजा निकला उसी की बिना पर बहुत होशियारी से इसे मस्जिद की दीवारों और दरवाज़े पर लागू किया गया। ये मस्जिद गणित, एस्ट्रॉनमी और आर्ट का बेह्तरीन नमूना है।

गौर फरमाने वाली बात है कि जैसे जैसे सूरज की जगह बदलती है वैसे वैसे मस्जिद पर अलग अलग साये बन जाते हैं। यहां गौर से देखें तो पहली फोटो में नमाज़ पढ़ता हुआ आदमी नज़र आ रहा है। तो
दूसरे फोटो में एक खातून नमाज़ पढ़ती हुई नज़र आ रही है। जबकि तीसरे फोटो में एक आदमी किताब पढ़ता हुआ नज़र आ रहा है!

कितनी साइंटिफिक सोच वाले लोग थे उस ज़माने के और कितनी बड़ी सोच थी उनकी जो आज तक एक चमत्कार से कोई कम नही है, सलाम है इनकी कारागरी पर

संवाद; अब्दुल राशिद मोहमद

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