एलगोरिंभ के दम पर आज का पूरा इंटरनेट जगत आबाद है,जानिए इस एलगोरिम्भ की नीव किसने डाली?

संवाददाता

क्या आप जानते हैं कि जिस एल्गोरिथ्म के दम पर आज का समस्त इंटरनेट जगत चलता है, आपकी फ़ेसबुक वॉल पर कोई पोस्ट दिखती है, गूगल कुछ भी सर्च करके बताता है,
उस एल्गोरिथ्म की नींव किसने डाली ?

बताते चलें कि एल्गोरिथ्म के पितामह थे ग्रेटर ईरान के प्रख्यात गणितज्ञ और खगोलशास्त्री। मुहम्मद इब्न मूसा अल-ख़्वारिज्मी (AD780-850). अल-ख़्वारिज्मी अलजेब्रा के जनक कहे जाते हैं। उनकी ‘किताब-अल-जब्र’ के नाम पर ही बीजगणित का नाम अलजेब्रा पड़ा। लैटिन शब्द algorismus इन्हीं अल-ख़्वारिज्मी के नाम से बना और algorismus के साथ ग्रीक शब्द arithmos यानी संख्या को मिलाकर एल्गोरिथ्म शब्द बना।

अल-ख़्वारिज्मी की एक किताब का नाम ‘हिसाब अल-जब्र वल-मुक़ाबला’ (The Book of Integration and Equation) था जो कई सदियों तक तमाम यूनिवर्सिटीज में पढ़ाई जाती रही।. अल-ख़्वारिज्मी ने अपनी किताब में संकेतों की बजाय शब्दों को रखा जो तमाम गणितज्ञों को आश्चर्यचकित करता रहा। अल-ख़्वारिज्मी के योगदान को देखते हुए ही 1973 में चंद्रमा पर एक क्रेटर का नाम उनके नाम पर रख गया।

पृथूदकस्वामी भारत के एक ज्योतिषविद् थे. उन्होने ब्रह्मास्फुट सिद्धान्त पर एक भाष्य ग्रन्थ की रचना की थी जिसमें ‘बीजगणित’ शब्द का उपयोग किया था जिसे बाद में अलजेब्रा के लिए ढूंढ कर लाया गया।

संवाद;मोहमद अफजल इलाहाबाद

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