क्या वजह है कि ज्यादातर मुस्लिम इलाको में बेहतर कालेज और अस्पताल की कमी है ?
रिपोर्टर.
अगर हम अपने दूसरे अल्पसंख्यक भाई जैसे सरदार, जैन और ईसाईयो की तरफ देखे तो पाएंगे की उन्होंने अपने हर तरफ स्कूल और कॉलेज खोल रखे हैं ।
फिर क्या वजह है मुसलमानो के इलाको में ना तो अपने अच्छे स्कूल हैं और ना कॉलेज और ना अस्पताल?
मुसलमानो के पास ज़मीन नही जिससे स्कूल कॉलेज और अस्पताल खोले जा सके ।
पूरे भारत में रेलवे और DRDO के बाद वक़्फ़ के पास सबसे ज़्यादा ज़मीन है ।
लेकिन उसी वक़्फ़ की ज़मीन को हमारे मुसलमान नेता कोड़ियो के भाव बेचकर खा रहे हैं !
क्या मुसलमानो के पास पैसे नही है स्कूल खोलने के लिए ?
पूरे भारत में एक साल में करीब 40 हज़ार करोड़ ज़कात इकट्ठी होती है!
क्या आप हिसाब मांगते हैं जिसको अपनी ज़कात निकालते है कि उसने कहा खर्च की ?
सोचिये अगर एक जिले में उसका एक हज़ार करोड़ भी खर्च हो जाए तो कितने अस्पताल और स्कूल खुल जाएंगे !
तीसरा सवाल है कि जब वक़्फ़ बोर्ड के पास इतनी ज़मीन है तो वक़्फ़ बोर्ड अस्पताल या स्कूल क्यों नही खोलता जिस इलाके में मुसलमान पिछड़े हुए हैं ?
इसका भलीभांति ये जवाब है कि जिस तरह हरयाणा वक़्फ़ बोर्ड ने Mewat Engineering College खोला और उसको खुद चला रहा है ठीक उसी तरह बाकी राज्यो के वक़्फ़ बोर्ड मुस्लिम इलाको में स्कूल कॉलेज खोलकर उनको खुद चला सकते हैं । मगर ऐसा नही हो रहा है।
इसके लिए सरकार या अपने नेताओं के भरोसे बैठने की बजाए अब हम लोगो को खुद पहल करनी होगी!