जब बिना डॉक्यूमेंटके वोह लोग भारतीय नागरिक बन सकते है तो भारतीय मुसलमान क्यों नही बन सकते,मुसलमानों ने ऐसा कौनसा जुर्म किया है जो उन्हे सजा देने की साजिशें रचाई जा रही है?

विशेष संवाददाता एवं ब्यूरो

देश भर में CAA को लेकर तनाव का माहौल होने जा रहा है खासतौर से समस्त मुस्लिम समाज बेहद चिंतित है।
चलो मान लिया कि CAA के अंतर्गत किसी जैन, बौद्ध, सिख, ईसाई, पारसी से कोई कागज नहीं मांगे जायेंगे। लेकिन इसकी क्या गारंटी होगी कि इनके भेष में कोई पाकिस्तानी जासूस या बांग्लादेशी या फिर अफगानी घुसपैठिया भारत में नहीं आयेंगे?

क्योंकि इनसे तो कागजात मांगे नहीं जायेंगे और खुद भारत सरकार ही बिना पड़ताल इसके कागजात खुद बनाकर देगी तो जब बिना डॉक्युमेंट दिखाये ये भारत के नागरिक बन सकते है तो मुसलमान क्यों नहीं बन सकते? मुसलमानो ने कौनसी संघियो की बेटिया भगा ली और अगर मुसलमानो से सर्टिफिकेट मांगे जा सकते है तो नरेंद्र मोदी से क्यों नहीं ?

हमारी सोच के मुताबिक कि सारे मुसलमानो को इसका इश्यू बनाना चाहिये और नरेंद्र मोदी और उसके बाप-दादा और अमित शाह के बाप दादा का बर्थ सर्टिफिकेट सार्वजनिक करवाना चाहिये। ताकि सबको पता लग सके कि मोदी और अमित शाह असल में भारत में ही पैदा हुए थे या कहीं और से इनके बाप दादा भागकर भारत में शरणार्थी के रूप में आये थे?

ये बात है 2020 की है उस समय एक व्यक्ति श्री शुभंकर सरकार द्वारा एक आरटीआई लगायी गयी थी जिसमे भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नागरिकता प्रमाण पत्र माँगा गया था, तब प्रत्युत्तर में जवाब आया कि श्री नरेंद्र मोदी जन्म से ही भारतीय नागरिक है (RTI का चित्र सलंग्न है)

अब सवाल ये है कि अगर मोदी जी जन्म से भारतीय नागरिक है तो कोई दूसरा खासकर मुसलमान जन्म से भारतीय नागरिक क्यों नहीं हो सकता ?
यह बात तो लाखो-करोडो मुसलमान कहेंगे कि हम भी जन्म से भारतीय है तो मुसलमानो से ही NRC में कागजात क्यों मांगे जायेंगे ? दर असल देश में सबको छोड़ सिर्फ मुसलमानों को ही टारगेट क्यों किया जा रहा है?ये एक यक्ष प्रश्न है इस का खुलासा और अहम जवाब केंद्र सरकार को जरूर देना पड़ेगा। वर्ना मुस्लिम समाज इन्हे कभी माफ नही करेगा। केवल मुसलमानों के साथ इतना बड़ा छड़यंत्र और छलावा एक मात्र साजिश नही तो और क्या हो सकता है?

संवाद
पं किशन गोलछा जैन,पिनाकी मोरे

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