जब भी लोक विधान सभा और लोक सभा चुनाव आते है बड़ी पार्टियों के हुक्मरान किसके भरोसे बड़ी बड़ी जीत और अबकी बार इतने पार की घोषणा क्यों करते है ? गोलमाल है सब भाई गोलमाल
विशेष संवाददाता एवं ब्यूरो
जबतक ईवीएम है तब तलक इनकी जीत होती रहेगी
गौर तलब हो कि EVM एक सामान्य इलेक्ट्रॉनिक्स डिवाइस है। जिसका मैनिपुलेशन संभव है।। चाहे कॉर्डेड हो अथवा वायरलेस हो।
संभावना
1) ऐसा भी हो सकता है कि EVM की पैरेलल कॉपी बन रही हो और स्ट्रांग रूम में वही पैरेलल मशीन स्टोर हो रही हो। क्योंकि मतगणना केंद्र में 6-9 विधान सभा की मशीनें रखी जाती है। यहाँ पर करीब 3000 पोलिंग बूथ की काउंटिंग होती है।लगभग 15-20 हजार कर्मचारियों का जमावड़ा होता है। वोटिंग मशीन के प्राप्ति के स्पॉट से स्ट्रांग रूम तक का सफर कौन कौन से हाथो से हो कर गुजरता है डिस्टेंस कितनी है?
जैसे हमारे शहर में रिसीप्ट काउंटर से स्ट्रांग रूम की दूरी करीब 100 मीटर है। वो मशीन मतदान अधिकारी तो जमा कर देते है पर अंदर क्या वही मशीन जमा हो रही है ये प्रश्न महत्वपूर्ण है। ऑफिशियली हा वही मशीन जमा होती है। उनोफिशलली भगवान जाने।। माने कि 1 मशीन पर करीब 1200 वोट पड़ते है। जिसके हर घंटे के डेटा चुनाव आयोग को देना होता है। ये पारदर्शीता के लिए फायदेमंद भी है और रेप्लिका बनाने के लिहाज से नुकसान दायक भी।
किसी विधानसभा में विपक्ष बहुल इलाके की यदि 5 मशीनों को भी रेप्लिका बना कर वोट चेंज किया तो (मान लीजिए कि बूथ के 1200 में से 80% वोट विपक्षी उम्मीदवार को मिलने वाले थे अब वही 80% वोट रिवर्स कर दिए तो ) 5 बूथ के आंकड़े 9600वोट का अंतर कर देगा।
2) अगर बैलट कंट्रोल यूनिट से डाटा कंप्यूटर से ट्रांसफर करते वक्त यदि किसी कोड के जरिए अलोगोरीथम में परिवर्तन कर दिया तो केवल 5 मशीन में आख़री समय मे छोटा सा चेंज विधानसभा के परिणाम को बदल देगा। जैसा हमने कई जगह आखरी मोमेंट पर जीत को हार में बदलते देखा है।।
3) जैसा कि सुना है वोटिंग मशीन में वायरलेस कम्युनिकेशन डिवाइस भी इनबिल्ट होता है। यदि उसके पास सोर्स कोड है तो काउंटिंग के दौरान 5 मशीन के वोटिंग में चेंज कर परिणाम को अपने फ़ेवर में कर सकते है।। ये असंभव नही है। रहा सवाल अब आम जनता और
आपके विचार पर ईवीएम के बारेमे सोच समझ कर ही वोटिंग करे।बाकी आप सबकी मर्जी। जबतक ईवीएम जिंदा है जीत उसी की होगी जिस ने इसमें खेला रचा कर रख दिया है। ये चक्कर ही कुछ अजीब है जिसके सहारे हार की बजाय लगातार भारी जीत होती रही है इसी लिए अबकी बार चार सौ पार की घोषणाएं हो रही है। इसमें कोई खोट नही है।
संवाद;पिनाकी मोरे