जब स्पेन, पोर्तुगाल पर अरबों की हुकूमत थी उस समय से जलेबी बनाने की शुरआत हुई

विशेष
संवाददाता

उंदलुस की मिठाई जलेबी

जब उंदलुस स्पेन व पुर्तगाल पर अरबों का शासन था उस समय जलेबी बनाने की शुरूआत हुई।

जलेबी को अरबी जबान में जलाबिया भी कहते हैं। आखिर इस मिठाई का नाम जलाबिया क्यों पड़ा? इसके अलग अलग कारण बताए जाते हैं। जिन में सब से मशहूर कारण यह है कि उंदलुस के किसी व्यापारी शख्स ने अपने बावर्ची को कुछ मीठा बनाने की फरमाइश की । जब वह कुछ मीठा पदार्थ बना कर लाया तो व्यापारी ने पूछा कि यह क्या है? बावर्ची ने जवाब दिया जल्ला बिया (زله بي) मेरी गलती से ऐसा बन गया। लेकिन व्यापारी को इस मिठाई का टेस्ट बेहद ही पसंद आया और उस ने मिठाई का नाम जलाबिया रख दिया।

गौर तलब कीजिए कि आज जब अरब देशों, ईरान और भारतीय उपमहाद्वीप की मिठाई मानी जाती है। सीरिया व फलस्तीन में भी इस का नाम मुशंबक के नाम से जाना जाता है।
कुछ लोगों का यह मानना है कि अरबों से पहले भारत में भी जलेबी बना करती थी और भारत में इस का नाम कुंडलिका था।

अब सवाल ये है कि तरह तरह के प्रकार की जलेबी पहले या कुंडलिका पहले इस बहस से अलग बात है।मगर यह आधी दुनिया के आम आदमियों की पसंद वाली एक मिठाई तो है। बस जी भरके इन जलेबी मिठाइयों का मजा लीजिए। इसी में मजा है। सर्व श्रेष्ठ रसीली और रबड़ी वाली मलाईदार,मावा वाली जलेबियां अपने यहा खास कर के मशहूर है।

संवाद;मोहमद अफजल इलाहाबाद

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