जानिए आरएसएस और हिंदू महासभा इन दोनो का निर्माण किसने और क्यों किया था?
विशेष
संवाददाता एवं ब्यूरो
ये सब जानकर अपना भ्रम दूर करें।
आरएसएस और हिन्दू महासभा, दोनों, का निर्माण अंग्रेजों ने किया।
अंग्रेज़ तब तक हिटलर के खिलाफ नहीं थे जब इंग्लॅण्ड पर खतरा पैदा नहीं हो गया।
तब तक आरएसएस अंग्रेजों और हिटलर के साथ था।
याद रखिये स्टॅलिन और हिटलर भी तब तक दोस्त थे जब तक रूस पर खतरापैदा नहीं हो गया।
अमेरिका युद्ध में तभी कूदा जब उसे जापान से खतरा महसूस हुआ।
नेताजी सुभाष चंद्र , हिटलर से तभी जुड़े जब वह अंग्रेजों के खिलाफ हुआ।
हिटलर का विरोध होते ही आरएसएस अंग्रेजों और अमेरिका के साथ हो लिया और उसे तब से आज तक अमेरिका से ज्यादा मोहब्बत है।
ब्रिटेन ने अपना युद्ध घाटा पूराकरने के लिए जब 1947 में हिंदुस्तान-पाकिस्तान अमेरिका को बेचा गया तो आरएसएस और पाकिस्तान, दोनों, अमेरिका को मालिक मानने लगे।
बताते चलें कि देश का विभाजन भी केवल अमेरिका के बाज़ार के रूप में किया गया था – दोनों की जनता को गुमराह करो और माल बनाओ।
आज भी आरएसएस और पाकिस्तान अमेरिका-परस्त हैं, दोनों देश अमेरिका का बाजार हैं, दोनों देशों की जनता को कथित तौर पर गुमराह किया जा रहा है, जबकि आरएसएस तथा आईएसआई दोनो कोई अलग नही बल्कि दोनो ही संगठन सीआईए के घटक हैं।
ऐसे में ध्यान देंने योग्य बात है कि
राष्ट्रपिता महात्मा गाँधीजी और पूर्व प्रधान मंत्री जवाहरलाल नेहरू जी, दोनों बड़े नेता विभाजन के विरोधी थे,
अँगरेज़ और अमेरिका विभाजन चाहते थे सो आरएसएस ने इन्हे भलीभांति साथ दिया।
जबकि नेहरू जी रूस-परस्त थे।
वाल्लब भाई पटेल जी के पत्र पढ़िए जिसमें सारी सच्चाई से आप रूबरू हो सकते है।
यहां ध्यान देंने योग्य बड़ी बात ये है कि – मोदी भगतसिंह, आज़ाद, नेताजी किसी की फाइल्स पब्लिक नहीं कर रहा है और न श्यामाप्रसाद और दीनदयाल की मौत की जांच हो रही है ! – दो राष्ट्र का सिद्धांत सावरकर ने 1928 में रखा था। वह भी अंग्रेजों की शह पर।
गौर तलब कीजिए – जिन्ना की मुस्लिम लीग के साथ बंगाल ही नहीं सिंध में भी और सावरकर ने जिन्ना के साथ उत्तर पश्चिम फ्रंटियर प्रांत (एनडब्ल्यूएफपी) में भी सरकार बनाई और चलाई थीं। बंगाल का विभाजन श्यामाप्रसाद ने कराया जिसके कारण इसके बाद बांग्लादेश बना।
ये भी ध्यान देंने लायक खास बात है –
नेताजीसुभाषचंद्र के भाई सरत बोस के अखंड बंगाल के आन्दोलन का श्यामाप्रसाद ने विरोध किया था और अंग्रेजों से मिलकर बंगाल का विभाजन करा दिया गया था।
इस में आखरी खास दो बातें ऐसी है कि – बंगाल के अकाल में श्यामाप्रसाद ने अन्न की सप्लाई बंद करा कर लाखों बंगालियों को भूखों मार दिया गया था
और ‘अन्ग्रेज़ो! भारत छोडो’ आन्दोलन के आन्दोलनकारियों पर अंग्रेजों से गोली चलाने की प्रार्थना की गई थी !
संवाद
अरुण प्रकाश मिश्रा