दीन का मतलब दस्तूर ए हयात जीवन सिद्धांत,जाने असल मजहब की हकीकत के बारे मे

संवाददाता

तेरा मेरा रिश्ता क्या ❤️ لا إله إلا الله محمد رسول الله

दीन का अर्थ है दस्तूरे हयात जीवन सिद्धान्त

अल्लाह तआला ने दुनिया में इंसानों को पैदा कर के उन्हें असहाय बना कर छोड़ नहीं दिया बल्कि जिस उद्देश्य के लिए उन्हें पृथ्वी पर जन्म दिया वह उसकी इबादत है।
इसके लिए वह इंसानों के पास हर जमाना और हर क्षेत्र में अपने पैगम्बरों के द्वारा अपने आदेश एवं निर्देश भेजता रहा। जिस पर कार्यरत रह कर वह सफल जीवन बिता सके।

अल्लाह के दिए गए आदेशों दिशा-निर्देशों के अनुसार जीवन बिताने को दीन कहा जाता है।
इस समय संसार में बहुत से दीन( मजहब) पाए जाते है। जिनमें इस्लाम, यहूदियत, ,इसाईयत, सनातन वैदिक बौद्ध, जैन और पारसी इत्यादि प्रसिद्ध है।
इस्लाम को छोड़कर सारे दीन यहूदियत इसाईयत सनातन वैदिक बौद्ध जैन पारसी इत्यादि बास्तविक रूप में बाकी नहीं रह गए बल्कि डुप्लीकेट हो चुके है।

अल्लाह के नजदीक दीन केवल इस्लाम है जो व्यक़्ति इस्लाम के इलावा दूसरा दीन तलब करे उस का दीन स्वीकार न किया जाएगा। वह आखिरत में नुकसान उठाने वालों में से होगा।
इस्लाम का अर्थ है सम्पूर्ण सम्परण अर्थात अपने आपको अल्लाह तआला के आज्ञा-पालन हेतु समर्पित कर दिया जाए।

इस्लाम का एक अर्थ अमन एवं शान्ति भी है
इस्लाम का संदेश ही अमन, शान्ति भाईचारा और मुसावात लोगों के बीच बराबरी का है।
अल्लाह के नजदीक दीन केवल इस्लाम है। जिस इस्लाम दीन की बुनियाद पांच चीजों पर है।जिसमे कलमा ए शहादत, नमाज, रोजा, ,हज और जकात।

अल्लाह का एक होना मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम का उसके आखिरी नबी व आखिरी रसूल होने की गवाही दिल व जबान से देना कलमा ए शहादत है।
जिसका वास्तविक अर्थ हैं कि अल्लाह के अतिरिक़्त कोई पूज्य नहीं है। वह बिना किसी साझीदार के है।

संसार बल्कि ब्रह्मांड का अकेला पैदा करने वाला मालिक रोजी देने वाला तथा हाकिम है।
मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम आखिरी नबी व आखिरी रसूल है। उनके पहले के सारे नबी व रसूल सच्चे है।

गौर तलब हो कि दीन इस्लाम कोई नया दीन नहीं जिसे मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम लेकर आए हो, बल्कि जब से पृथ्वी पर हजरत आदम अलैहिस्सलाम भेजे गए तब से ही दीन इस्लाम है।
हजरत आदम अलैहिस्सलाम से लेकर आखिरी नबी व रसूल हजरत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम तक आने वाले सारे अम्बिया दीन इस्लाम को ही लेकर आए।

अब इस्लाम की कामिल तरीन शक्ल शुद्धतम प्रमाणित स्वरूप यही है जिसे लेकर मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम आए और लोगों को इस्लाम बताया और इसके अरकान का सबको सबक पढ़ाया।

संवाद; मोहमद अफजल इलाहाबाद

SHARE THIS

RELATED ARTICLES

LEAVE COMMENT