यहां के समंदर में मिला प्राकृतिक गैस का प्रचंड भंडार
संवाददाता
ये विस्फोटक जानकारी है।
बांग्लादेश के समुद्र में प्राकृतिक गैस का बड़ा भंडार मिला है।
इससे भी खतरनाक बात यह कि अपदस्थ पीएम शेख हसीना चीन के साथ इस गैस के उत्पादन का समझौता कर चुकी हैं।
ये समझौता हसीना सत्ता की कीमत पर हुआ है। यानी चीन को गैस चाहिए और हसीना को रिटायरमेंट के बाद मौत तक शानदार जिंदगी।
भारत में गटर गैस का पेटेंट रखने वाले एक चायवाले महामानव की नाक के नीचे चीन ने इस खजाने को ढूंढा।
अभी तक म्यांमार के पश्चिमी तट से चीन प्राकृतिक गैस पाइप लाइन के जरिए यून्नान तक लाता है।
इससे भी बड़ा भंडार बांग्लादेश में मिला है। अब चीन को सिर्फ पाइप लाइन आगे बढ़ानी है। बांग्लादेश ने इस साल मई में बंगाल की खाड़ी के 24 ब्लॉक्स में तेल और गैस की खुदाई के लिए अंतरराष्ट्रीय टेंडर बुलवाए थे।
भारत की ओएनजीसी, क्नूक और अमेरिकी एक्सएक्सऑन ने भी टेंडर भरे।
फिर 11 जुलाई को हसीना ने चीन से रणनीतिक समझौता कर लिया, जिसमें किसी भी बाहरी खतरे से सुरक्षा की बात है।
इसी समझौते में बांग्लादेश के बदले चीन को उसकी कंपनी क्नूक को गैस उत्पादन का ठेका देने की बात है।
यानी ओएनजीसी और अमेरिकी एक्सॉन मोबिल को बाहर कर यह समझौता किया गया है।
इसके तहत सेंट मार्टिन द्वीप पर चीन अपना बेस बनाकर गैस खोदेगा। यानी उत्तरी बंगाल से मलक्का जलडमरू मध्य तक चीन का कब्जा होगा।
अब विश्वगुरु अमेरिका की ओर दीन–हीन दृष्टि से ताक रहा है। सीआईए ने हसीना को भारत में रहने और अपने देश वापस लौटने की राह ताकने को कहा है।
कुल मिलाकर अब यह चीन और अमेरिका की जंग है, जिसमें चीन का पैसा पाकिस्तान से जाकर बांग्लादेश छात्रों तक पहुंच रहा है, जो देश को इस्लामिक कट्टरपंथ की ओर धकेल रहे हैं।
अगर चीन का मंसूबा पूरा नहीं होता तो पूर्वी लद्दाख में दिसंबर अंत तक चीन का परोक्ष हमला तय मानें।
फिर भारत के बांग्लादेश होने में देर नहीं लगेगी।
जियोपोलिटिक्स की एबीसीडी न जानने वाले मूर्ख संघी कमेंट न करें।
नोट:- मैं पहले से ही कह रहा था पाकिस्तान, बंगलादेश में बहुत मजबूत स्थिति में है चीन के साथ लेकिन लोग अमेरिका अमेरिका कह रहे थे।
चीन तुम्हें अब सांस भी नहीं लेने देगा और अमेरिका तुम्हें जीने। शेख हसीना हमारे जेम्स बॉन्ड डोभाल के कहने में आकर पलटी मारना चाह रही थी। चीन कि रणनीति और फैसले के रिजल्ट के बारे में सोचो, जब हसीना पैसे मांगने गई उसने एक रुपया का भी तवज्जो नहीं दिया, इसका मतलब उसे ये तय था फैसला उसके पक्ष में आने वाला है और ये हसीना बेऔकात हो चुकी है।
संवाद;सौमित्र राय ,मोहमद अफजल इलाहाबाद