रूस यूक्रेन विवाद से कुछ बातें हम भी सिख सकते है ओ क्या कुछ है खास सीखने लायक बातें? जाने

एडमिन

सारी दुनियां जमीन के टुकड़े के लिए लड़ रही है। रूस अपने सीमा विस्तार के लिए लड़ रहा है और ये संभव है कि अंततः यूक्रेन का रूस में विलय हो जाए।

हमले के बाद यूक्रेन पूरी दुनिया के सामने गुहार लगा रहा था, लेकिन उसकी मदद के लिए कोई नहीं आया! नाटो नहीं आया, विदेशी फौजें नहीं आई, दुनिया का कोई भी देश रूस से पंगा नहीं ले रहा।

खुद को सुपरपावर बताने वाला अमेरिका किसी कोने में बैठा नाक रगड़ रहा है। उसी अमेरिका के सामने हमारा नेता नाक रगड़ता है।

नाक रगड़ने का नतीजा है, आज रूस और चीन दोनो एक हो गए है। गूगल कीजिए पिछले 70 वर्षों से रूस भारत के साथ खड़ा रहा है,
कश्मीर मामले में वीटो का इस्तेमाल करता आया है, लेकिन आज इमरान खान रूसी दौरे पर है। पुतिन के साथ कश्मीर पर वार्ता चल रही है। पिछले साल ही रूस और पाकिस्तान ने पहली बार संयुक्त युद्धाभ्यास किया था।

वैश्विक राजनीती का इतिहास कुरूप रहा है, वर्तमान बदसूरत दिशा में जा रहा है। रूस और चीन की दोस्ती भारत के लिए कोल्ड वॉर की संभावना पैदा कर रही है। ये दोनों देश नई ऊर्जा के साथ उभर चुके है।

हां, ये भी संभव है कि रूस की तर्ज पर चीन भी हांगकांग और ताइवान के लिए सैन्य कार्रवाई शुरू कर दे, भारत में बसाए गांवों के लिए, अरुणाचल और कश्मीर के लिए चढ़ाई कर दे। और अगर ऐसा हुआ तो तीसरा विश्वयुद्ध हम लड़ रहे होंगे। जिसका केंद्रबिंदु भारत होगा।।

सच्चाई यही है कि भाजपा विधायकों के लिए जनसभाएं करने वाला छप्पन इंची साइन वाला अमेरिका के दरबार में जी हुजूरी के अलावा कुछ नहीं कर पाया है। वही अमेरिका जिसकी फौजें अफगानिस्तान से मुंह छुपाकर भाग आई थी।

इसीलिए राष्ट्रवाद की चासनी से बाहर आइए। चुनाव जीत जाना ही सबकुछ नहीं होता है। भारतीय मीडिया का भौंडापन हमारी नस्लों को बर्बाद कर रहा है।

बहुध्रुवीय राजनीती में एक नाकामयाब नेता के कारण आज हमारी पहचान सिफर के बराबर भी नहीं रही है, हम विश्वगुरू नहीं बन रहे,भारत को घेरा जा चुका है, हमारे नेता की कोई औकात नहीं रही है!

हमने रूस से संबंध खराब कर लिया है, चीन पाकिस्तान और रूस इकट्ठे हो रहे हैं और यही हमारी सबसे बड़ी कूटनीतिक हार है। इसके परिणाम बहुत घातक होने जा रहे हैं।

नीचे दी गई तस्वीरों के मायने बहुत गहरे हैं।

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