सीएए के साथ यूपी के लिए दूर दूर तक कोई रिश्ता नहीं है

यूपी

विशेष संवाददाता एवं ब्यूरो

उत्तरभारत के युवाओं को एक बात समझना चाहिए कि CAA के साथ उत्तरभारत का दूर दूर तक कोई रिश्ता नहीं है..CAA उत्तरभारत के लिए एक “एन्टी मुस्लिम नशा” है जबकि “CAA बग़ैर NRC” का मुसलमानों से भी कोई ख़ास रिश्ता नहीं है।
CAA के साथ सिर्फ़ 4 राज्यों का रिश्ता है : पश्चिम बंगाल, पंजाब, तमिलनाडु और जम्मू-कश्मीर..ये रिश्ता मज़हबी नहीं बल्कि रोटी, बेटी, ज़मीन, ज़ुबान और पुरखों के अंतिम संस्कार की जगह से जुड़ा हुआ मुद्दा’ है।

CAA पाकिस्तान/बांग्लादेश/अफ़ग़ानिस्तान से लोगों को बुला कर नागरिकता देने का क़ानून भी नहीं हैM.CAA भारत में इन देशों से आए हुए लोगों को नागरिकता देने की बात करता है।
33,313 रिफ्यूजी : ये ता’दाद भारत सरकार ने बताई है.33,313 रिफ्यूजी CAA में शामिल देशों से आए हैं जिन्हें नागरिकता दी जा सकती है।33 हज़ार लोगों को 3 सेकेंड में नागरिकता दी जा सकती है।

पर CAA से नागरिकता की मांग करते ही आप ख़ुद को “विदेशी मार्क” कर देंगे।1947 से आपकी 5 पीढ़ी निकल गई और आज आपको वापिस पाकिस्तानी बन कर नागरिकता चाहिए?
CAA की फीस 800₹ है..बहुत सख़्त शर्ते हैं..और CAA की वेबसाइट पर जो काग़ज़ात मांगे गए हैं वो दे पाना नामुमकिन है।(वेबसाइट देखिए)

बीजेपी के कुछ बड़े नेता जो बांग्लादेश से आए है वो आज MLA/MP/केंद्रीय मंत्री हैं।.सबसे पहले इन बीजेपी नेताओं को नागरिकता की एप्लीकेशन देनी चाहिए।.खुली चुनौती है।
बीजेपी के जो तथाकथित रिफ्यूजी समर्थक CAA की हिमायत कर रहे हैं वो तमाम समर्थक भारत के वोटर हैं।जो काग़ज़ उनके पास है वही दूसरों के पास भी है।तो क्या उनके चेहरे पर “नागरिकता का टैटू” बनाया जाएगा?

CAA पर एक पोस्ट लिखना लाज़िमी था तो लिख दिया..बेशक मुसलमानों को नागरिकता मत दीजीए पर हिंदुओ को “विदेशी” बना कर क्या हासिल होगा? CAA क़ानून हिंदु विरोधी है।
आप सबसे गुज़ारिश है कि आज CAA की वेबसाइट को देखिए..हिंदुओ के साथ कितना बड़ा फ्रॉड किया गया है आपको समझ आ जाएगा।

साभार; कृष्णन अय्यर भारतजोड़ोन्याययात्रा भारतजोड़ोयात्रा

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